कोरोना वायरस महामारी (Covid-19 Pandemic) के प्रकोप में अभी कमी नहीं आई है. देश में घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि समाप्त होने जा रही है. हालांकि इस लॉकडाउन के अभी और बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. कुछ राज्यों ने तो अपने यहां लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है. 

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उधर, सरकार ने देश के कामकाज को पटरी पर लाने की तैयारी शुरू कर दी है. केंद्र ने सीनियर ऑफिसर्स को सोमवार से काम पर लौटने के आदेश जारी किए हैं. काम पर वापस आने वाले अधिकारियों में सह सचिव और दूसरे ऑफिसर रैंक के अधिकारी होंगे. उनके साथ एकतिहाई सबआर्डिनेट स्टाफ को भी काम पर बुलाया जाएगा. हालांकि आवश्यक सेवाओं से जुड़े अधिकारी और स्टाफ तो पहले से ही काम पर है. 

जानकार बताते हैं कि लंबित पड़े कामों को निपटाने और कामकाज को शुरू करने की रूपरेखा तैयार करवाने के मकसद से इन अधिकारियों को काम पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं. 

सीमित काम-धंधे और ट्रांसपोर्ट को मिल सकती है छूट

जानकार बताते हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों को काम पर वापस लाने के पीछे सरकार का मकसद कुछ कामों को सीमित दायरे में चलाने और नई व्यवस्थाएं बनाने से है. क्योंकि लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. सरकार सीमित स्तर पर ट्रांसपोर्ट को भी मंजूरी दे सकती है. 

जिन अधिकारियों के पास है गाड़ी की सुविधा

सरकार ने उस स्तर के अधिकारियों को काम पर आने के निर्देश दिए हैं जिनके पास गाड़ी से आने की सुविधा है. सरकार का टारगेट फाइनेंस डिपार्टमेंट का कामकाज शुरू करने पर है. ताकि सरकार को कुछ रिवेन्यू मिलता रहे.

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इंटर स्टेट कार्गों की आवाजाही पर रोक नहीं

गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा है कि इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट कार्गों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है. इनमें चाहे किसी भी चीज की सप्लाई हो रही हो. सरकार ने कहा है कि गोदाम और कोल्ड स्टोर किसी भी चीज का स्टोर कर सकते हैं, चाहें वे आवश्यक सेवाओं से अलग वस्तु क्यों न हों.