भारत सरकार ने फर्जी खबरें, गुमराह करने वाले विज्ञापन और ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने के लिए अहम कदम उठाने का फैसला किया है. सरकार ने कहा है कि ऐसा करने के लिए सुरक्षित, भरोसेमंद और एक खुला इंटरनेट बनाना होगा. एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए सरकार ने बताया कि वह इस पर किस तरह ये सब रोकने की दिशा में काम कर रही है.

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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act) के तहत सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया नैतिकता संहिता) नियम, 2021 जारी किए हैं. ये नियम तमाम प्लेटफार्म्स पर ऐसी किसी भी जानकारी को अपलोड करने, पब्लिश करने या शेयर करने पर रोक लगाते हैं जो कानून का उल्लंघन करती हो. आईटी नियम, 2021 के अनुसार अगर कोई प्लेटफॉर्म इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तरहत उन्हें थर्ड पार्टी यानी तीसरे पक्ष की जानकारी की जिम्मेदारी से मुक्त रहने का अधिकार नहीं रहेगा.

गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर रोक

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने 6 मार्च 2024 में एक सलाह जारी की, जिसमें अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने की बात की गई थी. एडवाइजरी के अनुसार तमाम कानूनों के तहत गैरकानूनी गतिविधियों के विज्ञापन, प्रमोशन और एंडोर्समेंट पर भी रोक लगाई गई.

ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म पर कसा शिकंजा

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने 21 मार्च 2024 को भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म समेत मीडिया को एक एडवाइजरी जारी की थी. इसके तहत मीडिया को ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म के विज्ञापन दिखाने और विज्ञापन छापने पर रोक लगाई गई थी. ऑनलाइन विज्ञापन इंटरमीडियरीज़ को भी सलाह दी गई थी कि वह ऐसे विज्ञापनों को भारत के ऑडिएंस को न दिखाएं.

शिकायतों का निपटारा

उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए 2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तीन-स्तरीय न्यायिक मंच बनाए गए हैं. यह मंच उपभोक्ताओं की शिकायतों का आसानी से और तेजी से समाधान प्रदान करते हैं. 

आईटी नियम, 2021 के तहत प्रत्येक मध्यस्थ को एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना जरूरी है, जो उपभोक्ताओं की शिकायतों का समय से समाधान करेगा. अगर कोई उपभोक्ता समाधान से संतुष्ट नहीं है, तो वह 30 दिन के अंदर ग्रीव्यांस अपीलेट कमेटी में अपील कर सकता है. 

ई-कॉमर्स में उपभोक्ता सुरक्षा

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 2020 में उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमों को भी नोटिफाई किया, जो ई-कॉमर्स के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी और गलत बिजनेस प्रैक्टिस से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए बनाए गए हैं. इन नियमों के तहत, ई-कॉमर्स कंपनियों को उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. 

साइबर क्राइम और सुरक्षा

गृह मंत्रालय (MHA) ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना की है. इसका मकसद साइबर अपराधों से निपटना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय बनाना है. इसके साथ ही, राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) की भी शुरुआत की गई है, जहां लोग साइबर अपराध की रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं.