टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री में अपार संभावनाओं को देखते हुए सरकार का फोकस इस पर लगातार बढ़ रहा है. इस कड़ी में सरकार अब नए डेस्टिनेशन बनाने और मौजूदा डेस्टिनेशन को बेहतर सुविधाओं से लैस करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए टूरिज्म कॉरिडोर बनाने के साथ नई, बेहतर और इकोफ्रेंडली सुविधाएं डेवलप करने की प्लानिंग है. सरकार अब कच्छ के रण में टूरिज्म की सफलता का फॉर्मूला दोहराने की तैयारी में है.

ये है सरकार की प्‍लानिंग 

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- नए डेस्टिनेशन पर टेंट सिटी का प्लान

- मंदिरों और किलों के पास बनेगी टेंट सिटी 

- जंगल और अभ्यारण्यों के पास बनेंगे ecozone

- लाइट एंड साउंड, रात में तारे देखने के लिए स्पॉट्स

- प्रकृति को बेहतर जानने का मौका 

- पर्यावरण और इतिहास से टूरिज्म को बढ़ावा

- Rann of Kutch में टेंट सिटी 

- कुंभ में भी IRCTC ने तैयार किया कुंभ ग्राम

- मकर संक्रांति पर वाराणसी में भी टेंट शहर बनाया गया था

- टूरिज्म पॉलिसी में देखो अपना देश के तहत इसके लिए अलग व्यवस्था

- राज्य सरकारें भी कर रही हैं जरूरी बदलाव

- कर्नाटक में जल्द बीच पर टेंट सिटी को मंजूरी

- तेलंगाना भी बना रहा है नई पॉलिसी

- 31 दिसंबर से पहले पॉलिसी की संभावना

टेंट सिटी ही क्‍यों?

- इकोफ्रेंडली 

- पर्यावरण संबंधी मंजूरी में आसानी

- कॉस्ट इफेक्टिव

- अलग एक्सपीरियंस 

- लोगों में क्रेज

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर साल 2006 में रण उत्सव की शुरुआत की थी. इसके बाद से लगातार कच्छ में बड़े स्तर पर रण उत्सव होता है. इसमें दुनियाभर से टूरिस्ट कच्छ के सफेद रण को देखने के लिए आते हैं. सफेद रण की सुंदरता को दिखाने के लिए हर साल यहां टेंट सिटी का निर्माण किया जाता है.