केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Labor and Employment Minister Bhupendra Yadav) ने गुरुवार को असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करने और उसका रखरखाव करने के लिए ई-श्रम पोर्टल शुरू किया. पीटीआई की खबर के मुताबिकर, इस पोर्टल के जरिये सरकार का लक्ष्य असंगठित क्षेत्र (unorganized sector) के 38 करोड़ श्रमिकों जैसे निर्माण मजदूर, प्रवासी कार्यबल, स्ट्रीट वेंडर और घरेलू कामगारों को पोर्टल पर रजिस्टर कराना है. रजिस्ट्रेशन गुरुवार से शुरू हो गया है.

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भारत के इतिहास में पहली बार ऐसी पहल

खबर के मुताबिक, यादव ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार 38 करोड़ असंगठित कामगारों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जा रही है. यह न सिर्फ उन्हें रजिस्टर्ड करेगा बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लागू की जा रही तमाम सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को पूरा करने में भी मददगार होगा. उन्होंने कहा कि योजनाओं को आखिरी छोर तक पहुंचाने की दिशा में यह पोर्टल एक बड़ा प्लेटफॉर्म साबित होगा. ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले हर असंगठित क्षेत्र के श्रमिक को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी मिलेगा.

दुर्घटना पर मिलेंगे पैसे

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड अगर कोई कामगार दुर्घटना का शिकार होता है, तो मृत्यु या स्थायी रूप से शारीरिक विकलांगता की स्थिति में दो लाख रुपये और आंशिक रूप से शारीरिक विकलांगता का शिकार होने पर एक लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके साथ ही सरकार ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की मांग करने वाले श्रमिकों के सवालों की सहायता और समाधान के लिए राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर - 14434 भी जारी किया. इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के तहत श्रमिकों को एक ई-श्रम कार्ड जारी किया जाएगा, जिसमें 12 नंबर का स्पेशल नंबर होगा.

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सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण है मकसद

इस समूची कवायद का मकसद सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण है. पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी को राज्य सरकारों को विभागों के साथ भी साझा किया जाएगा. पोर्टल पर कोई भी कामगार अपने आधार नंबर और बैक खाते के साथ ही दूसरा जरूरी ब्योरा भरकर रजिस्ट्रेशन कर सकता है.