देश की सभी बेटियों को 1.80 लाख रुपये देगी केंद्र सरकार, माता-पिता के खाते में आएगी राशि! जानिए क्या है पूरा मामला
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म YouTube पर एक वीडियो पोस्ट की गई है. इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 'प्रधानमंत्री कन्या आशीर्वाद योजना' (Pradhan Mantri Kanya Aashirvad Yojna) के तहत सभी बेटियों को ₹1,80,000 की नकद राशि दे रही है.
देश के आम लोगों तक सरकारी योजनाओं (Government Schemes) की जानकारी पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी जबरदस्त प्रमोशन करती हैं. इनके अलावा देशभर के तमाम न्यूज चैनल, अखबार और डिजिटल मीडिया पर भी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है ताकि देश का एक-एक योग्य व्यक्ति सरकारी की स्कीम का लाभ उठा सके. इसी कड़ी में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म YouTube पर एक वीडियो पोस्ट की गई है. इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 'प्रधानमंत्री कन्या आशीर्वाद योजना' (Pradhan Mantri Kanya Aashirvad Yojna) के तहत सभी बेटियों को ₹1,80,000 की नकद राशि दे रही है.
Government Gyan नाम के यूट्यूब चैनल से पोस्ट किया गया है वीडियो
'प्रधानमंत्री कन्या आशीर्वाद योजना' के तहत सभी बेटियों को ₹1,80,000 की नकद राशि देने का दावा करने वाला ये वीडियो 'Government Gyan' नाम के यूट्यूब चैनल से पोस्ट किया गया है. वीडियो में बताया जा रहा है कि बेटियों को दी जाने वाली 1.80 लाख रुपये की रकम सीधे माता-पिता के बैंक खाते में आएगी. हालांकि, Government Gyan यूट्यूब चैनल पर जिस सरकारी स्कीम के तहत बेटियों को 1 लाख 80 हजार रुपये दिए जाने की जानकारी दी जा रही है, इस स्कीम के बारे में न तो सरकार ने कोई जानकारी दी और न ही इस योजना के बारे में किसी टीवी चैनल या अखबार में खबरें आईं. ऐसे में इस योजना की सच्चाई सामने आना बहुत जरूरी हो गया.
PIB Fact Check की जांच-पड़ताल में सामने आई सच्चाई
मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए PIB Fact Check ने वीडियो में बताई जा रही योजना की जांच-पड़ताल की और सारा सच सामने लाकर रख दिया. PIB Fact Check की जांच-पड़ताल में सामने आया कि Government Gyan यूट्यूब चैनल से पोस्ट की गई ये वीडियो पूरी तरह से फर्जी है. PIB ने एक ट्वीट करते हुए बताया कि वीडियो में जिस 'प्रधानमंत्री कन्या आशीर्वाद योजना' की बात बताई जा रही है वो योजना फर्जी है. PIB Fact Check ने अपने ट्वीट में बताया कि केंद्र सरकार ऐसी कोई भी योजना नहीं चल रही है.