चीनी और इथेनॉल बनाने वाली कम्पनियों के लिए ख़बर, मोलासेस के एक्सपोर्ट पर 50% ड्यूटी, 18 जनवरी से लागू होगा आदेश
चीनी और इथेनॉल बनाने वाली कम्पनियों के लिए खबर है. जारी आदेश के अनुसार, मोलासेस के एक्सपोर्ट पर 50% ड्यूटी लगाई जाएगी. यह आदेश 18 जनवरी से लागू होगा.
चीनी और इथेनॉल बनाने वाली कम्पनियों के लिए खबर है. जारी आदेश के अनुसार, मोलासेस के एक्सपोर्ट पर 50% ड्यूटी लगाई जाएगी. यह आदेश 18 जनवरी से लागू होगा आदेश. इसको लेकर वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है. अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने इसक सिफ़ारिश की थी. ज़ी बिजनेस ने यह ख़बर 29 दिसंबर को दिखाई थी. इथेनॉल सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए फ़ैसला लिया गया. भारत ग्लोबल सप्लाई में 25% योगदान के साथ सबसे बड़ा हिस्सेदार है.
देशभर में इथेनॉल पंप खोलने की मंजूरी
इससे पहले नए साल पर चीनी और इथेनॉल कंपनियों के लिए अच्छी खबर सामने आयी थी. दरअसल, पेट्रोलियम मंत्रालय ने देशभर में इथेनॉल पंप खोलने की मंजूरी दे दी है. इसी क्रम में IOC इथेनॉल पंप खोलेगा. पहले चरण में 300 पंप खोलने की तैयारी है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री ने इंडस्ट्री को शुगर Bi Products पर फोकस बढ़ाने को कहा है. इसके साथ ही इथेनॉल सप्लाई के लिए पंप खोलने की सलाह दी है. सरकार 2025 तक 20% और 2029-30 तक 30% ब्लेंडिंग का लक्ष्य पूरा करने की तैयारी में है. इसके साथ ही हेवी मशीनरी इंडस्ट्री से चर्चा के बाद अब भारी कंस्ट्रक्शन मशीन में भी इथेनॉल, फ्लेक्स फ्यूल पर चलने की व्यवस्था की बात कही गई है.
इथेनॉल के उत्पादन के लिए शुगर के इस्तेमाल पर सख्ती
इससे पहले इथेनॉल के उत्पादन के लिए शुगर के इस्तेमाल पर सरकार ने सख्ती की थी. शुगर की पर्याप्त सप्लाई के चलते यह फैसला लिया है. सरकार मिलों को B- हैवी मोलासेस से इथेनॉल बनाने पर रोक सकती है. C-हैवी इथेनॉल पर कोई रोक नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, आज दिन के अंत तक फाइन प्रिंट आ सकता है. सूत्रों के मुताबिक, इंडस्ट्री ने सरकार से बात की है. इंडस्ट्री का कहना है कि B-हैवी से C हैवी में तुरंत स्विच करना मुश्किल है. इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (ISMA) का कहना है, 2023-24 मार्केटिंग साल में प्रोडक्शन 8 फीसदी घट सकता है. ब्राजील में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद से रॉ शुगर की कीमतें 7 फीसदी घटी है.
एथेनॉल पॉलिसी में हो सकता है बदलाव
सरकार एथेनॉल को लेकर पॉलिसी में बदलाव करती है, तो ग्रेन बेस्ड इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा. 31 अक्टूबर 2023 तक इथेनॉल के लिए 339 करोड़ के आर्डर मिले. 4 दिसंबर को इथेनॉल सप्लाई करने के लिए OMCs से 572 करोड़ रुपये का आर्डर मिले.
केंद्र ने राज्यसभा को बताया कि भारत में वर्तमान एथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,364 करोड़ लीटर है और फ्यूल ब्लेंडिंग टारगेट को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. एथेनॉल रोडमैप के अनुरूप, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एथेनॉल सप्लाई साल 2021-22 के दौरान 10 फीसदी और एथेनॉल सप्लाई साल 2022-23 के दौरान 12 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य हासिल किया है. बता दें, बी-हैवी शीरे से एथेनॉल बनाकर पेट्रोल में मिलाया जाता है. बी-हैवी बनाने से गन्ने का इस्तेमाल एनर्जी के एक स्रोत के रूप में होता है और इससे चीनी का प्रोडक्शन भी कम होता है.