बिहार में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को मिलेगा एक महीने का एक्स्ट्रा वेतन
नीतीश कुमार ने घोषणा करते हुए का कि राशन कार्ड वाले परिवारों को एक महीने तक मुफ्त राशन दिया जाएगा.
बिहार में लॉकडाउन (Bihar lockdown) की स्थिति में लोगों की आर्थिक परेशानी कम करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने सहायता देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से उत्पन्न संक्रमण को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने लोगों के लिए सहायता पैकेज की घोषणा की.
डॉक्टरों को बोनस
कोरोनावायरस से मुकाबले के लिए अपनी सेवा दे रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी नीतीश सरकार ने बोनस देने का फैसला किया है. राज्य के सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को एक महीने के वेतन के बराबर बोनस दिया जाएगा.
एक महीने का मुफ्त राशन
नीतीश कुमार ने घोषणा करते हुए का कि राशन कार्ड वाले परिवारों को एक महीने तक मुफ्त राशन दिया जाएगा तथा जिन इलाकों में लॉकडाउन है, वहां राशन कार्ड धारक परिवारों को 1,000 रुपये की सहायता भी दी जाएगी.
इसके अलावे सभी प्रकार के पेंशन जैसे वृद्धा दिव्यांग, विधवा पेंशन पाने वालों को अगले 3 महीने की पेंशन 31 मार्च से पहले दी जाएगी, जो उनके बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी.
उन्होंने कहा कि छात्रों को भी इस स्थिति में आर्थिक परेशानी नहीं हो इसके लिए वर्ग एक से 12 के सभी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति की राशि 31 मार्च तक उनके बैंक खाते में भेज दी जाएगी.
बैंक खाता जब्ती आदेश वापस
बिहार सरकार ने करदाताओं को भी बड़ी राहत देते हुए बकाया न चुकाने वालों के बैंक खाते को अटैच (जब्त) करने के आदेश को वापस लेने का निर्णय लिया है. उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य के शहरी इलाकों में लॉकडाउन के मद्देनजर करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए बकाया न चुकाने वालों के बैंक अकाउंट को अटैच (जब्त) करने के पूर्व के आदेश को राज्य सरकार ने अगले आदेश तक वापस लेने का निर्णय लिया है.
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राज्य के 8,033 करदाताओं के खातों के अटैचमेंट का निर्देश बैंकों को दिया गया था. जीएसटी के पूर्व वैट, केन्द्रीय बिक्री कर और प्रवेश कर अधिनियम के अन्तर्गत 375 करोड़ रुपये बकाये राशि के लिए 4248 सूचनाएं निर्गत की गई थीं, जिन्हें फिलहाल अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा जीएसटी अधिनियम के अन्तर्गत स्क्रूटनी, नॉन फाइलर, अनियमित आईटीसी आदि के बकाये 300 करोड़ रुपये की वसूली हेतु निर्गत 3,785 सूचनाओं को भी वापस ले लिया गया है.