Budget 2023: रत्न एवं आभूषण निर्यातकों (Gem & Jewellery Exporters) ने सरकार से आगामी बजट (Budget) में प्रयोगशाला में तैयार होने वाले हीरे के कच्चे माल पर आयात शुल्क (Imprort Duty) खत्म करने के साथ ही ज्वैलरी रिपेयर पॉलिसी (jewellery repair policy) ऐलान की मांग की है. रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से स्पेशल नोटिफाइड जोन में हीरों (Diamonds) की बिक्री पर अनुमानित टैक्स लगाने का सुझाव भी दिया है. इसके अलावा स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) के लिए लाए जा रहे नए देश विधेयक  (DESH Bill) को लागू करने की भी मांग की गई है.

डायमंड पैकेज घोषणा करने की मांग

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इंडस्ट्री ने 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में एक तरह के ‘डायमंड पैकेज’ (Diamond Package) की घोषणा करने का सरकार से अनुरोध करते हुए कहा है कि अमेरिका और यूरोप में उच्च मुद्रास्फीति और आर्थिक संकट पैदा होने के साथ ही चीन में लॉकडाउन से हीरे के निर्यात और इसमें मिलने वाले रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ा है.

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LGD के सीड्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी हटाई जाए

प्राकृतिक रूप से मिलने वाले हीरे के उत्खनन पर आने वाली ऊंची लागत को देखते हुए प्रयोगशाला में हीरा बनाने (LGDs) पर काफी जोर दिया जा रहा है. एलजीडी को विशेष मानकों का ध्यान रखते हुए प्रयोगशाला के भीतर अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी 

की मदद से तैयार किया जाता है. इसके लिए एक बीज का इस्तेमाल किया जाता है जो कि खास किस्म का कच्चा माल होता है.

कामा ज्वेलरी (Kama Jewelry) के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर कोलिन शाह ने कहा कि वर्ष 2025 तक ग्लोबर जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट में एलजीडी का हिस्सा 10% होने की संभावना है. उन्होंने कहा, ऐसी स्थिति में एलजीडी को प्रोत्साहन देकर एक्सपोर्ट ग्रोथ के अलावा रोजगार भी पैदा किया जा सकता है. अगर एलजीडी के सीड्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी हटा दिया जाता है, तो इसे बहुत मजबूती मिलेगी.

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ज्वैलरी रिपेयर पॉलिसी से रोजगार होंगे पैदा

जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष शाह ने ज्वैलरी रिपेयर के लिए पॉलिसी लाने की भी मांग करते हुए कहा है कि भारत के रत्न एवं आभूषण की मरम्मत का वैश्विक केंद्र बनने की संभावना है. इससे टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर होने के अलावा नए रोजगार भी पैदा होंगे.

सूरत स्थित इंडियन डायमंड इंस्टिट्यूट के चेयरमैन दिनेश नवाडिया ने सरकार से बजट में हीरा उद्योग के लिए खास पैकेज घोषित करने की मांग करते हुए कहा है कि इस प्रोत्साहन से निर्यात संभावनाओं को बल मिलेगा. काउंसिल के अनुसार, रत्न और आभूषण का निर्यात नवंबर 2022 में 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष इसी महीने में 2.4 अरब अमेरिकी डॉलर था.

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