वाराणसी में G20 देशों के एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक आज (सोमवार) 17 अप्रैल 2023 से शुरू होगी. यह बैठक होटल द ताज गंगेज में आयोजित की जा रही है. यह G20 वर्किंग ग्रुप की 100वीं बैठक होगी. बैठक में शामिल होने के लिए रविवार को दुनिया के 20 सशक्त देशों के प्रतिनिधि पहुंच चुके हैं. इस दौरान उनका काशी में जोरदार स्वागत भी किया गया. बता दें बैठक का समापन 19 अप्रैल को होना है. इस बीच बहुत खास मुद्दों पर चर्चा होगी. चर्चा के लिए खाद्य सुरक्षा और पोषण, जलवायु स्मार्ट कृषि, डिजिटल कृषि, सार्वजनिक निजी भागीदारी आदि सहित कृषि अनुसंधान और विकास के विभिन्न मुद्दों को चुना गया है.

वाराणसी में आज शुरू होगा सम्मेलन

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G20 के पहले सम्मेलन में आज से शुरू हो रहे एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह शामिल होंगे. सम्मेलन में भाग लेने के लिए जनरल सिंह वाराणसी पहुंच चुके हैं. रविवार को बाबतपुर एयरपोर्ट पर केन्द्रीय मंत्री जनरल सिंह का स्वागत जिलाधिकारी एस राजलिंगम, एयरपोर्ट निदेशक आर्यमा सान्याल सहित अन्य अफसरों ने किया. जी-20 की बैठक में कृषि मंत्रालय और विदेश मंत्रालय सहित अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे.

80 विदेशी प्रतिनिधि ले रहे हिस्सा

बैठक में G20 सदस्य देशों ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, यूएसए के लगभग 80 विदेशी प्रतिनिधि और यूरोपीय संघ के आमंत्रित अतिथि देश के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे. बैठक में खाद्य सुरक्षा और पोषण, क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर, डिजिटल एग्रीकल्चर, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप आदि सहित कृषि अनुसंधान और विकास के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी. भारत की अध्यक्षता के दौरान G20 पहल के रूप में विचार-विमर्श के लिए “मिलेट्स और अन्य प्राचीन अनाज अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान पहल (महर्षि)’ भी प्रस्तावित है.

क्या है ‘महर्षि’ का लक्ष्य ?

महर्षि का उद्देश्य 2023 और उसके बाद के अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के दौरान मिलेट्स और अन्य प्राचीन अनाजों के बारे में अनुसंधान सहयोग को आगे बढ़ाना और जागरूकता पैदा करना है. केन्द्र सरकार ने वाराणसी आने वाले विदेशी प्रतिनिधियों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के अनूठे अनुभव का स्वाद चखाने की व्यवस्था की है.

बैठक के तकनीकी सत्रों में खाद्य सुरक्षा और पोषण, लचीला कृषि खाद्य प्रणाली, डिजिटल कृषि और टिकाऊ कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखला और कृषि अनुसंधान और विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी से संबंधित विभिन्न उप-विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतियां शामिल हैं. इसमें महर्षि पर एक समर्पित सत्र की योजना बनाई गई है.

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(PBNS के इनपुट के साथ)