G-20 Summit में PM Modi बोले, दुनिया के विकास के लिए भारत का रोल अहम, कई बड़े नेताओं से भी की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जी-20 की बैठक के पहले दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से एक अनौपचारिक मुलाकात की है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोनों की मुलाकात की जानकारी देते हुए एक तस्वीर भी साझा की है.
G-20 Summit: दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की शुरुआत आज से गयी है. शिखर सम्मेलन के आधिकारिक तौर पर शुरू होने से पहले इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने आयोजन स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. जी-20 के मंच से पीएम मोदी ने कहा, महामारी के दौरान भारत ने अपने 1.3 बिलियन नागरिकों की फूड सिक्योरिटी सुनिश्चित की. साथ ही अनेकों जरूरतमंद देशों को भी खाने-पीने के सामानों की सप्लाई की. कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद एक नयी विश्व व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है. इस सम्मेलन में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए.
शांति बनाए रखना समय की मांग
पीएम ने कहा, हमें इस बात को स्वीकार करने से भी संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसी मल्टीलेटरल संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं और हम सभी इनमें जरूरी सुधार करने में भी असफल रहे हैं. इसलिए आज जी-20 से विश्व को अधिक अपेक्षाएं हैं, हमारे समूह की प्रासंगिकता और बढ़ी है. हमें यूक्रेन में संघर्ष-विराम और डिप्लोमेसी की राह पर लौटने का रास्ता खोजना होगा. समय की मांग है कि हम विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाएं. मुझे विश्वास है कि अगले साल जब जी-20 बुद्ध और गांधी की पवित्र भूमि में मिलेगा, तो हम सभी सहमत हो कर, विश्व को एक मजबूत शांति-संदेश देंगे.Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट
बाली में G-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा. हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए. वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा-सुरक्षा अहम है, क्योंकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए." PM ने की बाइडेन और मैक्रों से मुलाकात प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, "शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा. हमारे ग्रह पर सतत विकास को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी." प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी संक्षिप्त बातचीत की.Rishi Sunak से मिले पीएम मोदी पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी मुलाकात की है. ये मुलाकात जी 20 सम्मेलन के दौरान हुई है. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक वार्ता हुई. सुनक ने हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली है. पीएमओ के ट्विटर अकाउंट से दोनों नेताओं की एक तस्वीर ट्वीट की गई है.
फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर रहेगा फोकस
इस समिट में फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और हेल्थ पर फोकस किया जाएगा. पीएम ने कहा, जी-20 शिखर सम्मेलन में अपनी बातचीत के दौरान मैं भारत की उपब्धियों और और समग्र रूप से वैश्विक चुनौतियों का सामना करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालूंगा. भारत की जी-20 अध्यक्षता 'वसुधैव कुटुम्बकम' या 'एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य' थीम पर आधारित होगी, जो सभी के लिए समान विकास और साझा भविष्य के संदेश को रेखांकित करता है. 20 कार्यक्रमों में शामिल होंगे पीएम पीएम मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन के साथ ही दुनिया के 10 देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. जिसमें ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक भी हैं. 45 घंटे के अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी 20 कार्यक्रमों में शामिल होंगे. कौन-कौन से बड़े लीडर होंगे शामिल? 15 नवंबर को एक कार्यक्रम में PM मोदी इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे. 16 नवंबर को G20 में शामिल सभी नेता मैंग्रोव फॉरेस्ट की विजिट पर जाएंगे. जी 20 शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन भी शामिल होंगे. पीएम मोदी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के न्यौते पर शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. वहीं इस सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेंस्की वचुर्अली शामिल होंगे. 20 देशों का समूह है G-20 G20 समूह फोरम में 20 देश हैं. 20 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन (EU) शामिल हैं.