Firecrackers Ban in India: दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को लेकर बड़ा निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजस्थान और अन्य दूसरे राज्यों को फेस्टिव सीजन के दौरान पटाखों पर अपने पहले के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पॉल्यूशन को काबू में रखना सभी  का कर्तव्य है. न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने राजस्थान को विशेषकर त्योहारी सीजन के दौरान वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट राजस्थान में पटाखों के मुद्दे से संबंधित एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी.

'पूरे देश में लगे पटाखों पर बैन'

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सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने अदालत से पूरे भारत में पटाखों पर बैन लगाने की मांग की. वकील ने इसे लेकर अदालत से पहले के आदेशों का पालन करने के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया. वकील ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट का पिछला आदेश दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पर लागू था. 

 

कोर्ट ने कहा कि यह गलत धारणा है कि पर्यावरण के मुद्दे पर कोर्ट की जिम्मेदारी है. कोर्ट ने टिप्पणी की कि प्रदूषण का प्रबंधन करना हर किसी का कर्तव्य है.

कोर्ट ने टिप्पणी की कि हर नागरिक को यह देखना होगा कि दिवाली कम पटाखों के साथ पर्यावरण अनुकूल मनाई जाए. अदालत ने अपनी टिप्पणी यह ​​भी साझा की कि इन दिनों स्कूली बच्चों की तुलना में बुजुर्ग अधिक पटाखे फोड़ते हैं. अदालत ने राजस्थान राज्य को उदयपुर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का भी निर्देश दिया.

पराली जलाने को लेकर जारी किया ये आदेश

इस बीच, एक अन्य वकील ने अदालत को दूसरे आवेदन के बारे में अवगत कराया जो पराली जलाने से संबंधित है. कोर्ट ने मौसम विभाग से दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि उन्हें लगता है कि इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है. 

इससे पहले शीर्ष अदालत ने 22 सितंबर को बेरियम रसायन युक्त पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने वाले दिल्ली सरकार के फैसले पर हस्तक्षेप करने से भी इंकार कर दिया है. 

किन पटाखों पर लगा है बैन?

सुप्रीम कोर्ट पटाखों से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी. इनमें से एक याचिका भाजपा नेता मनोज तिवारी ने 2022 में दिल्ली में दिवाली के दौरान पटाखों पर पूरे प्रतिबंध को चुनौती देते हुए दायर की थी. 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि पटाखों के उपयोग पर पूरी तरह से कोई प्रतिबंध नहीं है, केवल वो ही पटाखें बैन हैं, जिनमें बोरियम पाया जाता है.