विदेशों के बड़े पेंशन फंड घरानों को भारत में लंबी अविधि में निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए वित्त मंत्रालय ईटीएफ को वैश्विक स्तर पर लॉन्च करने की योजना बना रहा है. वित्त मंत्रालय  वैश्विक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) शुरू करने की योजना बना रहा है. 

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नया ईटीएफ अगले वित्त वर्ष में शुरू किया जाएगा. इस तरह के कोष के प्रति बड़े निवेशकों की रुचि का अध्ययन करने के बाद नया ईटीएफ लाया जाएगा. मंत्रालय पहले ‘भारत-22’ ईटीएफ को विदेशी बाजार में सूचीबद्ध करने का विचार कर रहा था पर यह विचार छोड़ दिया गया.

निवेशकों ने इसमें निवेश से जुड़ी लागत को लेकर आशंका जतायी थी. इन लागतों में हेजिंग (बाजार में उतार चढ़ाव से बचने के लिए वायादा-विकल्प के सौंदे करने) तथा और धन को एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में बदलने जैसी लागतें शामिल हैं. 

सरकार का इस योजना के पीछे लक्ष्य ऐसे निवेशकों को आकर्षित करना है जिन्होंने अभी तक निवेश नहीं किया है. ये विदेश के बड़े पेंशन कोष हैं. एक नए ईटीएफ पर विचार किया जा रहा है. इसका गठन निवेशकों की रुचि वाले क्षेत्रों के आधार पर किया जाएगा. 

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसई) जिनमें सरकारी की हिस्सेदारी के विनिवेश की उल्लेखनीय गुंजाइश है, को वैश्विक सूचीबद्धता के लिए प्रस्तावित ईटीएफ में शामिल किया जाएगा. ये ऐसे सीपीएसई होंगे जिनमें प्रवर्तक की हिस्सेदारी 58 से 60 प्रतिशत से अधिक होगी. सरकार के दो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स सीपीएसई ईटीएफ और भारत-22 ईटीएफ घरेलू शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं.

भारत-22 ईटीएफ 2017-18 में शुरू किया गया था. इसका यूनिटों से जुटा धन 16 केंद्रीय उपक्रमों , तीन सरकारी बैंकों और निजी क्षेत्र की तीन कंपनियों आईटीसी, एलएंडटी और एक्सिस बैंक के शेयरों में लगाया गया है जिनमें यूनिट ट्रस्ट आफ इंडिया की विशिष्ट इकाई (एसयूयूटीआई) की हिस्सेदारी है. सीपीएसई ईटीएफ 2014 में 10 प्रतिष्ठित केंद्रीय उपक्रमों के शेयरों के निवेश के आधार पर शुरू किया गया था. अब तक सरकर भारत-22 की दो किस्तों से 22,900 करोड़ रुपये और सीपीएसई ईटीएफ की तीन किस्तों से 11,500 करोड़ रुपये जुटा चुकी है.