Atal Pension Yojana: केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली पेंशन स्कीम अटल पेंशन योजना (Atal Pension Scheme) को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) और कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बीच में बहस छिड़ गई है. दरअसल, कांग्रेस नेता ने इस स्कीम को लेकर सरकार पर आरोप लगाए थे कि ये योजना खराब तरीके से तैयार की गई है और इसपर ग्राहकों को बेहतर रिटर्न भी नहीं मिल रहा. इसके बाद वित्तमंत्री ने 'X' पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखते हुए इन आरोपों का जवाब दिया.

कांग्रेस नेता ने क्या आरोप लगाए थे?

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कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने अटल पेंशन योजना को 'कागजी शेर' बताते हुए कहा था यह योजना मोदी सरकार के 'हेडलाइन मैनेजमेंट' वाले नीति निर्धारण को सही ढंग से दिखाती जिसका वास्तव में कुछ लाभ ही लोगों तक पहुंच रहा है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधने के लिए एक खबर का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया है कि असंगठित क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की अटल पेंशन योजना (एपीवाई) से बाहर निकलने वाले तीन ग्राहकों में से लगभग एक ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनके खाते उनकी अनुमति के बिना खोले गए थे. इस खबर में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) के हालिया अध्ययन का हवाला दिया गया है.

कांग्रेस नेता ने किया था पोस्ट

कांग्रेस नेता ने 'X' पर एक पोस्ट किया था, "वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) 24 मार्च को बेंगलुरु में थीं, जहां वह मोदी सरकार द्वारा 'प्रमुख सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम' के रूप में शुरू की गई अटल पेंशन योजना के फायदों की घोषणा कर रही थीं." उन्होंने आरोप लगाया, "सिर्फ एक दिन बाद, यह सामने आया कि इस योजना के एक तिहाई ग्राहकों को अधिकारियों द्वारा उनकी 'स्पष्ट' अनुमति के बिना योजना में नामांकित किया गया था." रमेश ने दावा किया कि ग्राहकों के लिए रिटर्न की राशि बहुत आकर्षक नहीं है क्योंकि यह एक निश्चित आय पेंशन है, जो बढ़ती कीमतों के साथ अपना मूल्य खो देती है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अटल पेंशन योजना एक बहुत ही खराब तरीके से तैयार की गई योजना है तथा यह एक ‘कागजी शेर’ है जिसके लिए अधिकारियों को लोगों को धोखा देने और इसमें भाग लेने के लिए मजबूर करने की जरूरत पड़ती है.

वित्तमंत्री ने दिए जवाब

कांग्रेस नेता के इस पोस्ट पर आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अटल पेंशन योजना (एपीवाई) बेहतर व्यवहार विकल्प के आधार पर डिजाइन की गई है और यह न्यूनतम आठ प्रतिशत रिटर्न की गारंटी देती है. उन्होंने कहा कि “अटल पेंशन योजना को सबसे बेस्ट ऑप्शन के आधार पर डिजाइन किया गया है ताकि ग्राहक की ओर से विकल्प नहीं चुनने तक ऑटोमेटिक तौर पर प्रीमियम भुगतान जारी रहे.”

उन्होंने कहा कि लोगों को हर साल योजना जारी रखने का निर्णय लेने के बजाय, छोड़ने का निर्णय लेना होगा, इससे उनमें से कई लोग सही निर्णय लेते हैं और अपनी सेवानिवृत्ति के लिए बचत करते हैं. रमेश पर हमला करते हुए सीतारमण ने कहा कि उन्होंने गारंटीकृत पेंशन योजना पर तथ्यों की जांच करने की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा ब्याज दरों और रिटर्न की परवाह किए बिना एपीवाई के तहत न्यूनतम रिटर्न भारत सरकार द्वारा कम से कम आठ प्रतिशत होने की गारंटी है. यह एक आकर्षक गारंटी वाला न्यूनतम रिटर्न है.’’