इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने चक्रवात का सामना कर रहे राज्यों ओडिशा और पश्चित बंगाल में पेट्रोल, डीजल, एलपीजी तथा विमानन ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक प्रबंध किये हैं. कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘ओडिशा में शुक्रवार सुबह फानी चक्रवात के पहुंचने के मद्देनजर आईओसी पूर्वी तट पर बसे ओडिशा और पश्चिम बंगाल में निर्बाध ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये पूरी तरह तैयार है.’’ कंपनी ने कहा कि उसका परिचालन इन दोनों राज्यों में लगभग सामान्य है और आपूर्ति जारी है.

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कंपनी की देश के खुदरा ईंधन बाजार में लगभग 50 फीसदी हिस्सेदारी है. बयान में कहा गया, ‘‘पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, किरोसिन और विमानन ईंधन जैसे पेट्रोलियम उत्पादों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है. कंपनी राहत एवं बचाव कार्यों में भी जिला प्रशासनों के साथ सक्रियता से सहयोग कर रही है.’’ वर्ष 2014 के बाद फानी सबसे भयानक चक्रवात है. इसके कारण 10 लाख से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. आईओसी ओडिशा तट पर पारादीप में स्थित 1.5 करोड़ टन सालाना क्षमता वाले परिशोधन संयंत्र का परिचालन जारी रखे हुए है. यह संयंत्र 200 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार वाले चक्रवात में भी काम कर सकता है.

कंपनी ने कहा, ‘‘चक्रवात के कहर को देखते हुए पारादीप स्थित परिशोधन संयंत्र में सावधानी के सारे उपाय किये जा चुके हैं तथा लोगों एवं संयंत्र की सुरक्षा की भी व्यवस्था की जा चुकी है. आपातकालीन योजना के तहत सभी सुरक्षात्मक कदम उठाये गये हैं. बचाव एवं राहत कदमों के साथ समन्वय के लिये एक नियंत्रण कक्ष पहले ही काम शुरू कर चुका है.’’ 

आईओसी ने कहा कि परिशोधन संयंत्र का परिचालन सामान्य है और सभी इकाइयां दुरुस्त हैं. विपणन टर्मिनल तथा पाइपलाइन के जरिये सभी उत्पाद गंतव्य तक पहुंच रहे हैं. हालांकि, चक्रवात की स्थिति को देखते हुये फिलहाल तटीय क्षेत्र से निकासी को रोक दिया गया है.

(रॉयटर्स)

कंपनी ने कहा कि सीआईएसएफ के जवान तथा अग्निशमन एवं बचाव दल के सदस्य स्थिति की निगरानी करने के लिये संयंत्र के सभी रणनीतिक बिंदुओं पर तैनात किये जा चुके हैं. यदि संयंत्र में अत्यधिक पानी का जमाव होता है तो उससे बचने के भी सभी आवश्यक उपाय कर लिये गये हैं. कंपनी ने कहा आईओसी के पारादीप संयंत्र की और से जिला प्रशासन को बिस्कुट, दूध पाउडर, पानी के पाउच जैसी आवश्यक राहत एवं बचाव सामग्रियां के साथ हर संभव मदद की जा रही है.