3 महीने का बिजली बिल हो सकता है माफ, इस राज्य के लोगों को होगा फायदा
कोरोना वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए चल रहे Lockdown के बीच उत्तर प्रदेश के बिजली ग्राहकों को अच्छी राहत मिल सकती है.
कोरोना वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए चल रहे Lockdown के बीच उत्तर प्रदेश के बिजली ग्राहकों को अच्छी राहत मिल सकती है. राज्य के इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर Board ने केंद्र सरकार से 3 महीने का बिजली का बिल माफ करने का प्रस्ताव किया है. यह प्रस्ताव छोटे बिजली उपभोक्ता और किसानों को ध्यान में रखकर किया गया है.
Board ने केंद्र सरकार को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि अगर केंद्र सरकार एक और पैकेज का ऐलान करती है तो उसमें किसानों और छोटे बिजली उपभोक्ताओं का बिल माफ करने का भी प्रावधान करे. काउंसिल के चेयरमैन अवधेश वर्मा ने इस प्रस्ताव की कॉपी उत्तर प्रदेश के एनर्जी मिनिस्टर श्रीकांत शर्ता को सौंपी है. इसमें छोटे बिजली उपभोक्ताओं और किसानों के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की मदद बिजली बिल में देने की मांग रखी गई है.
ऐसी ही मांग बिहार में भी उठी है. बिहार के औद्योगिक संगठन एसोसिएशन (BIA) ने बिहार सरकार से मांग की है कि राज्य में जितने बिजली आधारित उद्योग हैं, उनके बिजली बिल को लॉकडाउन के समय माफ किया जाए. वही केंद्र सरकार से बैंक के ब्याज दर को लॉकडाउन की वजह से माफ़ करने की मांग भी की है.
BIA के वाइस प्रेसिडेंट संजय भरतिया ने कहा कि उन्होंने बिहार सरकार से मांग की है कि 23 मार्च से जब तक लॉकडाउन रहता है तब तक उद्योगों के बिजली बिल को माफ किया जाए नहीं तो उन पर अतिरिक्त भार आ जाएगा.
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इससे पहले उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने लॉकडाउन (Lockdown) में लोगों को बिजली बिल राहत (Discount on Electricity Bill) देने का ऐलान किया था. सरकार ने जहां बिजली बिल का देरी से भुगतान करने पर लगने वाली लेट पेमेंट फीस का माफ करने का फैसला किया है. साथ ही समय पर बिल का पेमेंट करने पर बिल में एक फीसदी की छूट भी दी जाएगी.
लॉकडाउन में किसानों, उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को हो रही परेशानी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए लेट पेमेंट चार्ज में छूट देने समेत कई अहम फैसले लिए हैं.
30 जून तक बिल का भुगतान करने वाले निजी नलकूप उपभोक्ताओं को देरी से भुगतान चार्ज में छूट दी जायेगी. इससे करीब 20 हजार किसानों को लाभ होगा. इस छूट के 3.64 करोड रुपये का बोझ राज्य सरकार वहन करेगी.