नए साल के शुरुआत के साथ ही बिजली उपभोगताओं को बड़ा झटका लग सकता है. महाराष्ट्र में बिजली सप्लाई करने वाली 2 कंपनियां महाराष्ट्र स्टेट पॉवर जेनरेशन कंपनी (MAHAGENCO) और महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी (MAHATRANSCO) ने महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (MERC) के पास रेट हाइक को लेकर मिड टर्म रिव्यू पिटीशन सबमिट किया है. 

जेब पर पड़ेगा सीधा असर

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पिटीशन में दोनों कंपनियों ने 24,832 करोड़ और 7,818 कोरड़ रुपए के टैरिफ बढ़ाने की मांग की गई है. इससे बिजली बिल की दरें बढ़ेंगी, जिसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा. आपको बता दें कि राज्य में बिजली कंपनियों ने आयोग के पास दरें बढ़ाने को लेकर जो पिटीशन दायर किया है और उसे मंजूरी मिलती है, तो इससे ग्राहकों को प्रति युनिट 1.03 रुपए और 0.32 पैसे कॉस्ट ऑफ कंस्ट्रकशन और डिस्ट्रिब्यशन के रुप में बढ़कर कुल 1.35 रुपए प्रति युनिट होगा. इसके साथ ही आशंका है कि  महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्युशन लिमिटेड (MSEDCL) भी अपनी दरों में बढ़ोतरी करेगा, जिसकी भरपाई आम नागरिकों को करनी होगी.

क्या कहते है बिजली दर तय करने के आदेश?

राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 30 मार्च 2020 को अगले पांच वर्षों (मार्च 2025 के अंत) के लिए बहुवर्षीय विद्युत दर निर्धारण आदेश की घोषणा की है. इसके साथ ही एक्ट के इस प्रावधान के मुताबिक बिजली कंपनियां तीसरे साल में रिव्यू पिटीशन फाइल कर सकती हैं. इसके मुताबिक 'MAHAGENCO'और 'MAHATRANSCO'नाम की दो कंपनियों ने दरों में संशोधन के लिए आयोग के समक्ष याचिका दायर की है.

क्या है 'MAHAGENCO' की मांग?

'MAHAGENCO' कंपनी ने पिछले 4 सालों की लागत वृद्धि और अगले 2 सालों में अपेक्षित वृद्धि के लिए आयोग द्वारा पूर्व में स्वीकृत राशि के अलावा कुल 24,832 करोड़ रुपए की अतिरिक्त वृद्धि की मांग की है. यदि अगले 2 सालों में वसूली की जाती है, तो उपभोक्ताओं पर औसत प्रभाव एक रुपए और 3 पैसे प्रति यूनिट होगा.

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क्या है 'MAHATRANSCO' की मांग?

'MAHATRANSCO' कंपनी ने कुल अंतर को 7818 करोड़ रुपए बढ़ाने की मांग की है. यदि अगले 2 सालों में वसूली की जाती है, तो उपभोक्ताओं पर प्रभाव औसतन 32 पैसे प्रति यूनिट होगा.

जानकारों का क्या कहना है?

बिजली विशेषज्ञ और महाराष्ट्र विद्युत उपभोक्ता संघ के अध्यक्ष प्रताप होगड़े ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में भारी वृद्धि का बोझ उठाना पड़ेगा.