Coronavirus के कारण देशभर से Lockdown चल रहा है. इससे देशभर में कारोबार लगभग ठप है. सरकार की भी टैक्‍स के रूप में आमदनी घट गई है. इस बीच, सरकार ने सभी इंडस्‍ट्री के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है. इस राहत पैकेज में बिजली क्षेत्र (Electric sector) से जुड़ी कंपनियों के लिए 90 हजार करोड़ रुपए की अलग से व्‍यवस्‍था की गई है. इसकी खास बात यह है कि इसका फायदा आम बिजली ग्राहक को भी मिलेगा.

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सरकार के ऐलान पर गौर करें तो उसके मुताबिक बिजली कंपनियों को जो भी छूट मिलेगी, उसे उनको फिक्‍स्‍ड चार्ज में रियायत के तौर पर ग्राहकों तक पहुंचाना होगा. यानि फिक्‍स्‍ड चार्ज में कमी करनी होगी.

सरकार के मुताबिक बिजली कंपनियों के बकाया के भुगतान के लिए 90,000 हजार करोड़ रुपये दो किस्‍त में मिलेंगे. फाइनेंस मिनिस्‍टर निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इकोनॉमी को तेज ग्रोथ देने के लिये बिजली वितरण कंपनियों का संकट दूर किया जाना जरूरी है. 

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उनके मुताबिक बिजली वितरण कंपनियों को दो समान किस्तों में नकदी मिलेगी. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (REC) के जरिये यह रकम मिलेगी. इससे वितरण कंपनियां, बिजली बनाने और सप्‍लाई कंपनियों को उनके बकाये का भुगतान कर सकेंगी. बिजली उत्पादन और Transmission कंपनियां, वितरण कंपनियों (Discom) को कुछ छूट भी देंगी, जिसका फायदा उन्हें ग्राहकों को भी देना होगा. 

बिजली वितरण कंपनियों का कई राज्यों पर काफी बकाया है. बिजली आपूर्ति का उन्हें समय पर पूरा पेमेंट नहीं मिल पाता है. Covid 19 के दौरान लॉकडाउन से स्थिति और बिगड़ी है. ऐसे में उन पर बिजली बनाने वाली कंपनियों की ओर से पेमेंट का दबाव बढ़ता जा रहा है. इसके लिये आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जारी पैकेज में उन्हें 90,000 करोड़ रुपये तक की नकदी दी जाएगी. यह नकदी दो किस्तों में दी जायेगी. 

पैकेज में यह भी कहा गया है कि PSU कंपनियां बिजली वितरण कंपनियों को कुछ छूट भी देंगी लेकिन यह छूट इस शर्त पर दी जाएगी कि इसका लाभ कंपनियां अपने अंतिम ग्राहकों को उनके फिक्स्ड शुल्क में राहत के तौर पर उपलब्ध कराएंगी.