Election Commission, Electoral Bond Data: चुनाव आयोग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए इलेक्टोरल बांड का डेटा वेबसाइट पर डाल दिया है. गौरतलब है कि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में एक हल्फनामा दाखिल किया था. इस हल्फनामें में एसबीआई ने कहा है कि चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में बॉण्ड के खरीदार का नाम, उसका मूल्य और विशिष्ट संख्या, इसे भुनाने वाली पार्टी का नाम और बैंक खाता संख्या के अंतिम चार अंक दर्शाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च तक चुनावी बॉण्ड योजना से संबंधित सभी जानकारियों का ‘पूरी तरह खुलासा’ करने को कहा था.

Election Commission, Electoral Bond Data: यूनिक कोड का भी किया है खुलासा 

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चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के विवरण में बॉण्ड संख्या (यूनिक कोड) भी शामिल है. यूनिक कोड की मदद से ये पता चल जाएगा कि किस कंपनी ने किस पार्टी को कितने रुपए चंदे में दिए हैं. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार बृहस्पतिवार को चुनावी बॉण्ड के संबंध में अपने पास मौजूद सारी जानकारी निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी थी. इसके बाद, निर्वाचन आयोग ने चंदा देने वालों और इसे प्राप्त करने वालों की दो अलग-अलग सूचियां अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी है. 

The Election Commission of India uploads the data on Electoral Bonds provided by the State Bank of India (SBI). pic.twitter.com/0zsVbCVzyg

 

Election Commission, Electoral Bond Data: इस वेबसाइट पर डाटा चेक कर सकते हैं यूजर्स

चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने X पर लिखा, '"सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में,एसबीआई ने आज यानी 21 मार्च, 2024 को इलेक्शन कमिशन को चुनावी बॉन्ड से संबंधित डेटा दे दिया है. ईसीआई ने इसे अपनी वेबसाइट पर 'जैसा है जहां है' के आधार पर एसबीआई से प्राप्त डेटा अपलोड किया है." इलेक्शन कमिशन के मुताबिक चुनावी बॉन्ड से जुड़ी डीटेल्स www.eci.gov.in/candidate-politicalparty पर जाकर चेक कर सकते हैं. 

Election Commission, Electoral Bond Data: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने हल्फनामे में कही थी ये बात

बैंक के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा था कि दी गई जानकारी में बॉण्ड के खरीदार का नाम, उसका मूल्य और विशिष्ट संख्या, इसे भुनाने वाली पार्टी का नाम और बैंक खाता संख्या के अंतिम चार अंक दर्शाए गए हैं. साइबर सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दलों के बैंक खाते की पूरी संख्या और केवाईसी के विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए.  हालांकि, तथ्य यह भी है कि ऐसी जानकारी प्रणाली में दर्ज/संकलित नहीं की जाती है. राजनीतिक दलों की पहचान के लिए ये आवश्यक भी नहीं हैं.