ABG Shipyard बैंक धोखाधड़ी मामले में एक्शन में ED, तीन शहरों में कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापे
ABG Shipyard money laundering case: सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ बैंकों के एक संघ को 22,842 करोड़ रुपये से अधिक का धोखा देने के आरोप में मामला दर्ज किया था.
मुंबई, पुणे और सूरत में कई परिसरों पर ये छापेमारी की गई. (फाइल फोटो: PTI)
मुंबई, पुणे और सूरत में कई परिसरों पर ये छापेमारी की गई. (फाइल फोटो: PTI)
ABG Shipyard money laundering case: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने कथित तौर पर 22,842 करोड़ रुपये के बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में छापेमारी की. मंगलवार को मुंबई, पुणे और सूरत में कई परिसरों पर ये छापेमारी की गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत संघीय एजेंसी इन शहरों में 26 परिसरों की तलाशी ले रही है.
22,842 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला
अधिकारियों ने कहा कि कंपनी, उसके पूर्व प्रमोटर्स और उससे जुड़े व्यक्तियों के वित्तीय दस्तावेज और संबंधित जानकारी इकट्ठा करने के लिए छापेमारी की जा रही है. ईडी ने ग्रुप के संचालन पर तैयार की गई फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के अलावा जहाज निर्माण कंपनी के पूर्व प्रमोटर्स के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
ED conducts raids at multiple locations in connection with ABG Shipyard bank loan fraud case
— ANI Digital (@ani_digital) April 26, 2022
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सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ बैंकों के एक संघ को 22,842 करोड़ रुपये से अधिक का धोखा देने के आरोप में मामला दर्ज किया था.
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ED को संपत्ति कुर्क करने का भी अधिकार
एजेंसी ने कंपनी के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक दूसरी कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को भारतीय दंड विधान (IPS) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के कथित अपराधों के लिए नामित किया था.
ईडी बैंक ऋण निधि के कथित डायवर्जन, जनता के धन को लूटने के लिए मुखौटा फर्मों के निर्माण और कंपनी के अधिकारियों और दूसरे की भूमिका के आरोपों की जांच कर रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग और फंडिंग के आरोप स्थापित होने के बाद एजेंसी को आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का भी अधिकार है. कंपनी को दिए गए लोन में कैश क्रेडिट लोन, मियादी ऋण, साख पत्र, बैंक गारंटी आदि श्रेणियां शामिल हैं.
02:55 PM IST