ई-कॉमर्स पर फ्रॉड से परेशान! जल्द लागू होंगे नए नियम, कंज्यूमर को मिलेगी ज्यादा पावर
E-Commerce Companies Unfair Practices: ई-कॉमर्स नियमों की समीक्षा अब अंतिम चरण में है और ई-कॉमर्स कंपनियों की अनफेयर प्रैक्टिस से बचाने के लिए ग्राहक को ज्यादा ताकत देने वाली है. इसको लेकर सरकार जल्द फाइनल बदलावों का कंसल्टेशन पूरा करेगी.
E-Commerce Companies Unfair Practices: मौजूदा समय में ज्यादातर लोग ई-कॉमर्स का इस्तेमाल करते हैं. ई-कॉमर्स साइट्स का इस्तेमाल खरीदारी या दूसरी तरह की कोई भी शॉपिंग के लिए किया जाने लगा है. जैसे-जैसे समय के साथ खरीदारी बढ़ रही है, वैसे-वैसे ई-कॉमर्स में धोखाधड़ी और फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं. ई-कॉमर्स को लेकर ग्राहक कई तरह की शिकायतें करते हैं. इसमें टाइम से डिलिवरी ना होना, खराब सामान की डिलिवरी होना और एक्सचेंज को लेकर कंपनियों की बेरुखी भी शामिल है. लेकिन अब सरकार इन सभी शिकायतों को लेकर सचेत हो गई है और ग्राहकों को ज्यादा पावर देने के लिए नियमों की समीक्षा कर रही है और हो सकता है जल्द नए नियम जारी भी कर दे.
नियमों की समीक्षा अंतिम चरण में
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ई-कॉमर्स नियमों की समीक्षा अब अंतिम चरण में है और ई-कॉमर्स कंपनियों की अनफेयर प्रैक्टिस से बचाने के लिए ग्राहक को ज्यादा ताकत देने वाली है. इसको लेकर सरकार जल्द फाइनल बदलावों का कंसल्टेशन पूरा करेगी और इसे जारी करेगी.
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मौजूदा समय में ई-कॉमर्स कंपनियों पर कानूनी तौर पर कोई बाध्यता नहीं है कि वो कंज्यूमर की शिकायतों का निवारण करे या ना करें. लेकिन एक बार जब इस सेगमेंट में कानून प्रक्रिया को स्वीकृति मिल जाएगी तो कंज्यूमर के लिए ये काफी आसान हो जाएगा और कंज्यूमर की शिकायतों का निवारण पर कानूनी नजर भी रहेगी.
कंपनियां मॉल की तरह करें काम
बता दें कि इस पूरे मामले में सरकार का उद्देश्य उपभोक्ताओं को परेशानी से बचाना है. सरकार का कहना है कि किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को मॉल की तरह काम करना चाहिए, ना कि वेयरहाउस जैसा काम करना चाहिए. सरकार ने अपने ब्रांड जारी करने को लेकर भी कड़ी आपत्ति जताई है.
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इसके अलावा सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को खुद के सप्लाई चेन मैनेजमेंट पर रोक का विचार भी जारी किया है. कुछ कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर सेलर्स के साथ-साथ अपनी कंपनी के भी प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए शोकेस करती हैं, लेकिन ये नैतिक रूप से गलत है और इससे छोटे सेलर्स को दिक्कत हो सकती है.
ई-कॉमर्स को लेकर शिकायत बढ़ी
मौजूदा समय में ई-कॉमर्स को लेकर शिकायतें बढ़ी हैं. ई-कॉमर्स के बढ़ने से शिकायतें भी बढ़ी हैं. 4 साल पहले NCH यानी कि नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर कुल 8 फीसदी ई-कॉमर्स से संबंधित शिकायतें होती थीं लेकिन अब 50 फीसदी शिकायत ई-कॉमर्स से जुड़ी हैं. बता दें कि बीते साल 23 जून 2022 को ई-कॉमर्स को लेकर नियम जारी हुए थे.