Adapted vehicle: भारत सरकार दिव्यांगजनों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करती है. इसी क्रम में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने  दिव्यांगों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने दिव्यांगों को अस्थायी रजिस्ट्रेशन के जरिए गाड़ी को कस्टमाइज कराने की सुविधा दी है. MoRTH ने पूर्ण निर्मित वाहनों को Adapted vehicle में बदलने पर नोटिफिकेशन जारी किया है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दिव्यांगों की खास जरूरतों के अनुसार, अक्सर उनकी मोबिलिटी को सुविधाजनक बनाने के लिए Adapted vehicle की जरूरत होती है. वर्तमान में, इस तरह की अडेपटेशन या तो वाहनों के रजिस्ट्रेशन से पहले मैन्युफैक्चरर या उसके अधिकृत डीलर द्वारा या रजिस्ट्रेशन ऑथोरिटी से मंजूरी मिलने के आधार पर वाहनों के रजिस्ट्रेशन के बाद किए जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- 2 महीने की ट्रेनिंग के बाद शुरू किया ये काम, अब हर साल कमा रहा ₹25 लाख का मुनाफा

क्या Adapted vehicle?

"Adapted vehicle" का मतलब है एक मोटर व्हीकल जिसमें किसी दिव्यांगजन के उपयोग के लिए सेक्शन 52 के सब-सेक्शन (2) के तहत बदलाव किए गए हैं. इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहनों के अपेडटेशन के लिए अस्थायी रजिस्ट्रेशन की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से नियम 53A और 53B में संशोधन का प्रस्ताव किया है.

संशोधन नियमों के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं-

  • नियम 53A में अस्थायी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने के आधार का विस्तार किया गया है, जिसमें पूरी तरह से निर्मित मोटर वाहनों के मामलों को शामिल किया गया है जिन्हें Adapted vehicle में बदला जाना है.
  • नियम 53B में सब-नियम2 के तहत एक प्रावधान जोड़ने का प्रस्ताव है. इसमें कहा गया है कि पूरी तरह से निर्मित मोटर वाहन को Adapted vehicle में बदलने के लिए अस्थायी रजिस्ट्रेशन की वैधता 45 दिन होगी, साथ ही अगर मोटरवाहन उस राज्य के अतिरिक्त किसी दूसरे राज्य में रजिस्टर्ड किया जा रहा है जिसमें डीलर है.

इन संशोधनों से दिव्यांगों द्वारा मोटरवाहन चलाने में और सुविधा होगी. सभी हितधारकों से टिप्पणी और सुझाव 30 दिन की अवधि के अंदर भेजे जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- डाक विभाग की नई पहल से इन किसानों को भी मिलेगा PM Kisan का पैसा, ये काम करते ही खाते में आएंगे 2 हजार रुपये

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें