कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब सरकार (Punjab Government) ने एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने रिटायर हो रहे डॉक्टरों की सेवा में 30 सितंबर तक विस्तार देने का फैसला किया है. कोरोना महामारी से निपटने के लिए डॉक्टरों की कोई कमी न हो, इसके लिए पंजाब की कैप्टन सरकार (Captain Amarinder Singh) ने यह कदम उठाया है. 

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राज्य में कर्मियों के सेवानिवृत्त होने की उम्र 60 साल से 58 साल करने के कुछ ही हफ्तों बाद पंजाब सरकार (Punjab) ने सेवानिवृत्त हो रहे सरकारी डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को कोरोना वायरस के चलते 30 सितंबर तक सेवाविस्तार देने का फैसला किया. चिकित्सा कर्मियों के सेवा विस्तार करने का फैसला मुख्यमंत्री ने लिया था जिसे उनकी अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में औपचारिक मंजूरी दी गई.

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बैठक में कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए उपायों एवं तैयारियों की समीक्षा की.

बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे भयभीत नहीं हों और भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर रहने, नियमित रूप से हाथ धोने जैसे सभी संभावित एहतियाती कदम के अनुपालन करें.

पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए चिकित्सा पेशेवरों को सेवा विस्तार देने के साथ-साथ बेरोजगार एमबीबीएस डॉक्टरों से संपर्क कर स्वयंसेवी आधार पर इस संकट से निपटने में मदद करने का अनुरोध किया.

मंत्रिमंडल ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 31 मार्च तक बंद करने के साथ ही वरिष्ठ मेडिकल छात्रों को अपने कॉलेजों को रिपोर्ट करने को कहा जो खुले हैं ताकि वे अन्य चिकित्सा कर्मियों की मदद कर सकें.

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इस बीच, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को जोड़ने वाले गलियारे को बंद करने का फैसला अस्थायी है और कोरोना वायरस के चलते लिया गया है. उन्होंने संकट की स्थिति को छोड़कर बाकी दिनों तक गलियारा खुला रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी.