केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के डिजिटल यूनिवर्सिटी की जल्द शुरुआत होने वाली है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के प्रेसिडेंट एम जगदीश कुमार ने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी जुलाई 2023 से शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से इसका खाका तैयार करने पर काफी चर्चा हुई. 

रोजगार के लिहाज से होगी पढ़ाई

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UGC प्रेसिडेंट ने कहा कि तहत जुलाई 2023 से  जाएगी और इसके कुछ पाठ्यक्रम कौशल विकास से जुड़े होंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने एजेंसी से बातचीत में कहा कि पिछले कुछ समय में डिजिटल यूनिवर्सिटी का खाका तैयार करने पर विभिन्न पक्षों की ओर से काफी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि शुरुआत में कौशल विकास आधारित ज्यादा से ज्यादा पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है. साथ ही इस बात पर भी जोर होगा कि छात्रों को कौशल आधारित प्रशिक्षण मिले और पाठ्यक्रम रोजगार के लिहाज से फायदेमंद हो.

छात्रों को मिलेंगे कई विकल्प

जगदीश कुमार ने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से छात्रों के लिए पढ़ाई करना काफी सरल होगा. मिसाल के तौर पर अगर कोई पाठ्यक्रम 4 साल का है और स्टूडेंट्स उसे कम समय में पूरा करने में सक्षम है, तब उस छात्र को कम अवधि में कोर्स पूरा करने की अनुमति देंगे. इसी तरह से अगर कोई छात्र 4 साल के पाठ्यक्रम को 5 साल में करना चाहता है, तो वह डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से उस कोर्स को 5 साल में पूरा कर सकेगा.

छात्र एकसाथ 2 डिग्री कर सकेंते पूरी

उन्होंने कहा कि जुलाई 2023 से डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से कुछ पाठ्यक्रम शुरू होंगे. इस पर काम चल रहा है. UGC ने छात्रों को एक साथ दो डिग्री पूरी करने की अनुमति दे दी है. यदि मल्टी सबजेक्ट के तहत किसी छात्र ने एक डिग्री कॉलेज में मौजूद रहकर पूरी की होगी तब वह डिजिटल यूनिवर्सिटी में दूसरी डिग्री ऑनलाइन माध्यम से कर सकेगा. डिजिटल यूनिवर्सिटी की पहल से सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU) जुड़ेंगे.

डिजिटल यूनिवर्सिटी को लेकर अगस्त में हुई थी मीटिंग

उन्होंने बताया कि इसमें छात्रों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट जैसे विकल्प भी मिलेंगे और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सुविधा भी उपलब्ध रहेगी. अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक वर्चुअल स्टोर-हाउस है, जो हर छात्र के डेटा का रिकॉर्ड रखेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल के शिक्षा मंत्रालय से संबंधित मासिक नोट के मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की मौजूदगी में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, दिल्ली विश्वविद्यालय, IIT मद्रास के प्रतिनिधियों की अगस्त के अंतिम सप्ताह में डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना के विषय पर एक बैठक हुई थी.

डिजिटल यूनिवर्सिटी का बजट में हुआ था ऐलान 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा था कि देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर वर्ल्ड क्लास एजुकेशन सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल यूनिवर्सिटी स्‍थापित‍ किया जाएगा. यह एक ऐसी यूनिवर्सिटी होगी जो छात्रों को कई तरह के पाठ्यक्रम और डिग्री की पढ़ाई ऑनलाइन उपलब्ध कराएगी. जरूरी डिजिटल आधारभूत ढांचे और प्रशिक्षण के लिए यह देश के अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम करेगा.