डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को संसद के दोनों सदन से मंजूरी मिल चुकी है. अब इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू के पास भेजा जाएगा. उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून का रूप ले लेगा. इस कानून को कब से लागू किया जाएगा इसका नोटिफिकेशन अलग से लागू किया जाएगा. इस कानून के लागू होने के बाद लोगों को अपने डेटा कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी मांगने का अधिकार मिल जाएगा. IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डिजिटल सर्विस का इस्तेमाल करने वाले लोगों को यह कानून ज्यादा अधिकार देता है.

नियम उल्लंघन करने पर बड़ा जुर्माना

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बता दें कि इस बिल में नियमों का उल्लंघन करने पर कम से कम 50 करोड़ रुपये और अधिकतम 250 करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान है. बता दें कि इससे पिछले बिल में यह 500 करोड़ रुपये था. इससे भी लोग कनफ्यूज हो रहे हैं. आइए समझते हैं क्या है डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल और इससे आपको क्या फायदा होगा.

पर्सनल डेटा सुरक्षित रखने में मदद

यह बिल डिजिटल तरीके से लोगों के पर्सनल डेटा को सुरक्षित यानी प्रोटेक्ट करने के लिए लाया गया है. इस कानून के लागू हो जाने के बाद लोग अपने डेटा कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी मांग सकेंगे. यानी उन्हें इसका अधिकार मिल जाएगा. कंपनियों को भी यह बताना होगा कि वह कौन सा डेटा ले रहे हैं और उस डेटा का कहां पर इस्तेमाल किया जा रहा है. पिछले कुछ सालों में देखा गया कि कई कंपनियां लोगों के पर्सनल डेटा को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही थीं, जिसके चलते इस बिल को लाया गया है.

क्या होता है डिजिटल डेटा?

आपका वह सारा डेटा जो आप ऑनलाइन देते हैं, वह डिजिटल पर्सनल डेटा होता है. डिजिटल पर्सनल डेटा समझने के लिए हम एक उदाहरण की मदद ले सकते हैं. जब भी आप अपने मोबाइल में कोई ऐप इंस्टॉल करते हैं तो उसके लिए आपको कई तरह की इजाजत देनी पड़ती हैं. इसके तहत आपको कैमरा, गैलरी, कॉन्टैक्ट और जीपीएस जैसी चीजों के एक्सेस देने होते हैं. इसके बाद उस ऐप के पास आपसे जुड़ा बहुत सार पर्सनल डेटा पहुंच जाता है. बशर्ते उन्हें पता होता है कि आपके कॉन्टैक्ट्स में किस-किस के नंबर हैं, आपके फोन में कौन सी फोटो और वीडियो हैं. यहां तक कि जीपीएस की मदद से वह आपके मूवमेंट को भी ट्रैक कर सकते हैं. कई बार देखा गया है कि कुछ ऐप लोगों के पर्सनल डेटा को अपने सर्वर पर अपलोड कर लेते हैं और फिर उसे दूसरी कंपनियों को बेच देते हैं. हमें यह जानकारी ही नहीं होती है कि हमारा डेटा कहां-कहां इस्तेमाल हो रहा है. इस बिल के जरिए इसी तरह के पर्सनल डेटा को प्रोटेक्शन मिलेगी.

 

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