मोबाइल टैरिफ दरों पर सरकार की सफाई, कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया था बड़ा हमला
मोबाइल टैरिफ बढ़ाने को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर हमला बोला. अब डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने कहा कि कंपनियां डिमांड एंड सप्लाई को देखते हुए यह फैसला लेती हैं.
मोबाइल टैरिफ बढ़ने को लेकर कांग्रेस के हमले पर टेलीकॉम मंत्रालय की तरफ से बयान जारी किया गया है. सरकार की तरफ से कहा गया कि बेसलेस क्लेम को आधार बनाया जा रहा है. टैरिफ की दर टेलीकॉम कंपनियां डिमांड एंड सप्लाई आधार पर तय करती हैं. ये कंपनियां यूजर्स को बेहतर सर्विस देने के लिए टेक्नोलॉजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च कर रही हैं. इस निवेश को फाइनेंस करने के लिए ही टैरिफ बढ़ाने जैसे फैसले लिए जाते हैं.
भारत में मोबाइल टैरिफ सबसे कम
TRAI इंडिपेंडेंट टेलीकॉम रेग्युलेटर है. TRAI Act 1997 के मुताबिक, ट्राई टेलीकॉम सर्विस को लेकर रेट का निर्धारण करती है. पिछले दो दशकों को मोबाइल टैरिफ को काफी कंट्रोल में रखा गया था. नतीजन भारत में मोबाइल टैरिफ काफी कम था. इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन यानी ITU की रिपोर्ट के मुताबिक, 140 मिनट की कॉलिंग, 70 SMS और 2 GB डेटा पैक की वैल्यु चीन में 8.84 डॉलर, पाकिस्तान में 1.39 डॉलर, भारत में 1.89 डॉलर, अफगानिस्तान में 4.77 डॉलर, भूटान में 4.62 डॉलर है.
अमेरिका में 49 डॉलर का पैक
वहीं डेवलप्ड इकोनॉमी की बात करें तो अमेरिका में 49 डॉलर, यूके में 12.5 डॉलर और ब्राजील में 3.29 डॉलर तक है. भारत में 1.89 डॉलर में तो अनलिमिटेड कॉलिंग और 18GB मंथली डेटा आसानी से मिल जाता है. भारत में टैरिफ को लेकर फैसला TRAI गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए कंपनियां करती हैं. सरकार फ्री मार्केट डिसिजन में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करती है.
टैरिफ 15-20% तक महंगा हो गया है
बता दें कि हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से मोबाइल टैरिफ को 15-20% तक बढ़ाया गया है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 3 जुलाई, 2024 से इस देश में सेल फोन की दरें बढ़ा दी गई. सेलफोन सेवाओं का शुल्क बढ़ने से जनता को यह अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा.
जनता पर 34824 करोड़ रुपए का बोझ
सुरजेवाला ने कहा कि देश के 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन का सेल फोन इस्तेमाल करते हैं. मोदी सरकार ने इन 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स पर सालाना 34,824 करोड़ रुपए का बोझ डाल दिया है. देश की प्राइवेट सेल फोन कंपनियों, यानी रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने एक साथ अपना टैरिफ औसतन 15 प्रतिशत बढ़ा दिया है. इनका मार्केट शेयर 91.6 फीसदी है, यानी कुल 119 करोड़ में से 109 करोड़ सेल फोन यूजर केवल रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन का सेल फोन इस्तेमाल करते हैं.