एल्कोहल नहीं चांदी से तैयार किया गया ये सेनेटाइजर, सेकेंडों में हो जाएगी वायरस की छुट्टी
कोरोना वायरस (coronavirus outbreak in india) महामारी covid 19 के खिलाफ देश में चल रही लड़ाई के लिए सरकार ने एक और हथियार तैयार किया है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने संयुक्त रूप से पुणे के एक स्टार्टअप की मदद से एक अल्कोहल के बिना, जलीय-आधारित कोलाइडल चांदी सॉल्यूशन तैयार किया है. इस उत्पाद से कोरोना से लड़ाई में मदद मिलेगी.
कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों की मदद के लिए चांदी से तैयार किया गया सेनेटाइजर (फाइल फोटो)
कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों की मदद के लिए चांदी से तैयार किया गया सेनेटाइजर (फाइल फोटो)
कोरोना वायरस (coronavirus outbreak in india) महामारी covid 19 के खिलाफ देश में चल रही लड़ाई के लिए सरकार ने एक और हथियार तैयार किया है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने संयुक्त रूप से पुणे के एक स्टार्टअप की मदद से एक अल्कोहल के बिना, जलीय-आधारित कोलाइडल चांदी सॉल्यूशन तैयार किया है जिसे हाथों और अलग अलग तरह की सतहों से वायरस और बैक्टीरियर को खत्म किया जा सकता है. इस सॉल्यूशन को नैनोएगसाइड टेक्नोलॉजी से बनाया गया है.कोलाइडल चांदी बनाने की प्रक्रिया के लिए एक भारतीय पेटेंट दायर किया गया है. जल्द ही इस हैंड सैनिटाइजर तथा कीटाणुनाशक का कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. इसके परीक्षण लाइसेंस दे दिया गया है.
बेहद उपयोगी होगा ये सैनेटाइजर
इस सॉल्यूशन में सिल्वर नैनोकणों का आकार (100 एनएम से कम) है, इसके चलते ये कोविड-19 वायरस से को खत्म करने में काफी कारगर है. कई रिसर्च में सिल्वर नैनोकण को एक प्रभावी एंटीवायरल के तौर पर पाया गया है जो एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हरपीज सिम्प्लेक्स वायरस, इन्फ्लूएंजा वायरस जैसे घातक वायरसों के खिलाफ काम करता है. नेशनल डिफेंस मेडिकल कॉलेज रिसर्च इंस्टीट्यूट, साइतामा, जापान के शिंगो नाकामुरा जैसे वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध से पता चलता है कि एजी सिल्वर या चांदी आधारित सॉल्यूशन रोगी के संक्रमण को रोकने के अलावा डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ में वायरस के संपर्क में आने पर भी संक्रमण को रोकने में सक्षम होता है.
इस सैनेटाइजर में नहीं हैं खतरनाक कैमिकल
ये हैंड सैनेटाइजर गैर-ज्वलनशील और खतरनाक कैमिकल्स से मुक्त है. आने वाले दिनों में ये महामारी के ट्रांसमिशन को रोकने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक प्रभावी सैनिटाइजर हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य पेशेवरों और अन्य संक्रमित लोगों की रक्षा हो सकती है.
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उत्पादन के लिए दिया गया लाइसेंस
इस सैनेटाइजर का लैबद में परीक्षण किया जा चुका है. इसके प्रोडक्शन के लिए लाइसेंस दिया जा चुका है. फिलहाल इस सेनेटाइजन दको छोटे पैमाने पर कोलाइडल सिल्वर को संश्लेषित करने और 5 लीटर तक के स्केल-अप बैच बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है.
फिलहाल किया जाएगा इतना उत्पादन
इस सैनेटाइजर के लिए जिस कंपनी को लाइसेंस दिया गया है उसके संस्थापकों में से एक डॉ. मिलिंद चौधरी ने कहा, “हम हैंड सैनिटाइजेशन और कीटाणुशोधन की मांग को पूरा करने के लिए हमारी निर्माण व्यवस्था के साथ प्रति दिन मुख्य रूप से 200 लीटर कोलाइडल चांदी के घोल का निर्माण करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. ये सॉल्यूशन महामारी से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए काफी उपयोगी साबित होगा.
06:01 PM IST