Delhi-Mumbai एक्सप्रेसवे तीन साल में बनकर हो जाएगा तैयार, दो और प्रोजेक्ट होंगे पूरे
Delhi-Mumbai Expressway: इससे दिल्ली (Delhi) से मुंबई (Mumbai) की यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर 13 घंटे रह जाएगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई के बीच एक नए अलाइनमेंट के साथ विकसित किया जा रहा है, जो हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के पिछड़े और जनजातीय जिलों से गुजरता है.
Delhi-Mumbai Expressway: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि सरकार की योजना 22 एक्सप्रेसवे (Expressway) और हरित गलियारों (Green corridors) में से तीन का निर्माण तीन साल में पूरा करने की है. इसमें प्रमुख दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) भी शामिल है. उन्होंने कहा कि इन 22 परियोजनाओं के तहत 7,500 किलोमीटर के नए एक्सप्रेसवे और गलियारों का निर्माण 2024-25 तक 3.10 लाख करोड़ रुपये में पूरा करने की योजना है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि हमारी योजना प्रमुख परियोजना दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण तीन साल में पूरा करने की है.
उन्होंने कहा कि इसका काम 51 ‘पैकेज’ में किया जाएगा. इनमें से 18 पर काम शुरू हो चुका है. यह देश का सबसे लंबा 1,320 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे होगा. इससे दिल्ली (delhi) से मुंबई (mumbai) की यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर 13 घंटे रह जाएगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई के बीच एक नए अलाइनमेंट के साथ विकसित किया जा रहा है, जो हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के पिछड़े और जनजातीय जिलों से गुजरता है.
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में से छह 2,250 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे हैं जिनके निर्माण पर 1.45 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी. शेष 16 नये गलियारे हैं. इनके तहत 5,250 किलोमीटर की परियोजनाओं का निर्माण 1.65 लाख करोड़ रुपये की लागत में किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के अलावा ट्रांस राजस्थान और ट्रांस हरियाणा की परियोजनाओं को अगले तीन साल में पूरा किया जाएगा.
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 को निर्माण वर्ष घोषित किया था. वर्तमान में कुल मिलाकर 6.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत से करीब 61,300 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है. वितीय वर्ष 2018-19 के पहले नौ महीनों में 5,759 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा किया गया जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 4,942 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं थीं.