Delhi-Mumbai Expressway: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि एक लाख करोड़ रुपये की लागत से बन रही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) प्रोजेक्ट में निवेशकों के लिए निवेश (Investment) के जबरदस्त मौके हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने निवेशकों से अपील किया कि वे प्रस्तावित टाउनशिप (Township), स्मार्ट विलेज (Smart village) और इसके आस-पास होने वाली सुविधाओं में निवेश करने के लिए आगे आएं.

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मंत्री ने इंडस्ट्रीज से कहा है कि वह इस ग्रीन हाइवे के साथ चमड़ा, प्लास्टिक, केमिकल या दूसरे प्रॉडक्ट के क्लस्टर लगाने की संभावना तलाश करें. इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली से मुंबई तक का सपर महज 12 घंटे में पूरी हो सकेगी.

गडकरी ने कहा कि इस हाइवे का नया रूट हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश (Haryana, Gujarat and Madhya Pradesh) के पिछड़े और आदिवासी इलाकों से होकर गुजरता है. वहां कोई इंडस्ट्री नहीं हैं. ऐसे में पहले से डेवलप्ड एरिया से भीड़ कम करने की जरूरत है. इंडस्ट्री के प्लेयर्स के पास इसमें इन्वेस्टमेंट करने का बेहतरीन अवसर है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो - रॉयटर्स)

उन्होंने कहा कि इन क्लस्टरों से राज्यों के पिछड़े इलाकों के चौतरफा विकास में मदद मिलेगी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इंजीनियरों, वास्तुकारों और नगर योजनाकारों के संघ (पीईएटीए) के साथ चर्चा में गडकरी ने यह बात कही.

गडकरी के पास एमएसएमई (MSME) मंत्रालय का भी प्रभार है. उन्होंने नगर योजनाकारों और दूसरे लोगों से कहा कि वे स्मार्ट शहरों और स्मार्ट गांवों में निवेश की संभावनाएं तलाशें. इसके अलावा वे सड़क के साथ की सुविधाओं और लॉजिस्टिक पार्कों में भी निवेश कर सकते हैं. 

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उन्होंने एक्सप्रेसवे के साथ कम बजट वाली रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट विकसित करने पर भी जोर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि गुणावत्ता से समझौता किए बिना कचरे सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा. गडकरी ने कहा कि सरकार की योजना इस एक्सप्रेसवे का निर्माण तीन साल में पूरा करने की है. एक लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के कुल 60 पैकेज में से 32 का ठेका दिया भी जा चुका है.