राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निवासी अब सड़क किनारे अपनी गाड़ी फ्री में पार्क कर सकेंगे. इसके लिए अब उन्हें पैसे नहीं देने होंगे. पार्किंग की नई ड्राफ्ट पॉलिसी में पैसे लेने के प्रावधान को हटा दिया गया है. पहला ड्राफ्ट पिछले साल पास हो गया था लेकिन अभी तक उसे अधिसूचित नहीं किया जा सका है. इस बीच, अब सरकार की तरफ से नए ड्राफ्ट को दिल्ली परिवहन विभाग की वेबसाइट पर डाला गया है. इस ड्राफ्ट के मुताबिक, इस पर अगले एक महीने में लोग अपनी राय या कंमेट दे सकते हैं.

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वेबसाइट पर जारी ड्राफ्ट के अनुसार, प्रस्तावित पैनल के चेयरमैन के रूप में अब मुख्य सचिव को हटाकर परिवहन मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है. परिवहन मंत्री ही अब इस नई नीति के अनुपालन को मॉनिटर करेंगे. दिल्ली मेंटेनेंस एंड मैनेजमेंट ऑफ पार्किंग प्लेस रूल्स 2019 को परिवहन मंत्री के नाम से जारी किया गया है. 

इस नियम के तहत व्यस्त समय और सामान्य स्थिति (नॉन पीक टाइम) में पार्किंग शुल्क तय किया जाता रहा है और प्रदूषण के स्तर का काम भी इसमें शामिल है. इस बार ऐसा इसलिए किया गया है कि पिछली ड्राफ्ट पॉलिसी जिसे दिल्ली के उपराज्यपाल के नाम से जारी की गई थी, और इसका विरोध करना है. सरकार ने इसके पीछे के मकसद को पहले ही स्पष्ट कर दिया था. 

(रॉयटर्स)

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनिवार्य पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने सरकार के इस कदम का विरोध किया था. शीर्ष अदालत को दिए एक हलफनामे में, ईपीसीए ने सिफारिश की थी कि आवासीय पार्किंग के लिए मूल्य निर्धारण स्थानीय एजेंसियों और आरडब्ल्यूए/दुकानदारों के संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से तय किया जाए. 

इसमें अतिरिक्त कारों के लिए अधिक चार्ज और बाकी चार्ज के अंतर के सिद्धांत को ध्यान में रखना शामिल था. हालांकि नए ड्राफ्ट क्लॉज को बरकरार रखता है जो बताता है कि नागरिक एजेंसियां भुगतान के आधार पर पार्किंग स्पेस कॉलोनियों के पास खुले क्षेत्रों में विकसित करने पर विचार करेगी.