Delhi Government New Auto Rules: दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने गुरुवार को राज्य के 85,000 ऑटो रिक्शा चालकों सहित करीब 2.5 लाख वाहन चालकों को बड़ी राहत दे दी है. दिल्ली के ट्रांसपोर्टेशन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि सरकार ने लगभग 1.5 लाख सार्वजनिक सेवा गाड़ियों को वाहन ट्रैकिंग शुल्क से राहत दे दी है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने पब्लिक सर्विस व्हीकल को लेकर अहम फैसला किया है.

ऑटो रिक्शा चालकों को मिली राहत

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गहलोत ने बताया कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऑटो, टैक्सी वालों को हमेशा अपना परिवार माना है. पहले व्हीकल के फिटनेस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए 2500 रुपये शुल्क देने पड़ते थे, जिसे घटाकर 500 रुपये कर दिया गया था. अब केजरीवाल सरकार ने इसे घटाकर फिटनेस सर्टिफिकेट का शुल्क शून्य कर दिया है.

 

वाहन ट्रैकिंग शुल्क से भी मिली आजादी

गहलोत ने आगे बताया कि दिल्ली सरकार ने लगभग 1.5 लाख सार्वजनिक सेवा गाड़ियों को 'वाहन ट्रैकिंग शुल्क' से छूट दे दी है. उन्होंने बताया कि सरकार ने 2019 में ऑटोरिक्शा को वाहन ट्रैकिंग शुल्क से छूट दे दी थी. 

 

बता दें कि दिल्ली में 2.5 लाख सार्वजनिक सेवा वाहन हैं, जिनमें 85,000 ऑटोरिक्शा शामिल हैं. ऑटोरिक्शा को पहले से ही 1,200 रुपये के “वाहन ट्रैकिंग शुल्क’ का भुगतान करने से छूट दी गई है. अब, लगभग 1.5 लाख वाहनों को भी इस वार्षिक शुल्क का भुगतान करने से छूट दी जाएगी.

सालाना होगी 1400 रुपये की बचत

वार्षिक वाहन ट्रैकिंग शुल्क 1,200 रुपये है, जो 18 प्रतिशत कर लगाने के बाद लगभग 1,400 रुपये हो जाता है. दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) 2019 के पास वाहनों की ‘ट्रैकिंग’ का प्रभार था. 

गहलोत ने कहा, "हमने डिम्ट्स के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया है और वाहनों को ट्रैक करने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं."