रेड लाइट होते ही बंद हो जाएंगी सारी गाड़ियां? जानें ऐसा क्या नया कैंपेन लेकर आई है दिल्ली सरकार
Delhi government launches red light on gaadi off campaign amid rising pollution
देश में त्योहार की सीजन आ चुका है. महीने के अंत में हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली आने वाला है. दिवाली के दौरान लोग पटाखे छोड़ते हैं, जिसकी वजह से पॉल्यूशन की दर में बड़ा उछाल देखने को मिलता है. इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली सरकार ने राज्य में पॉल्यूशन की बढ़ती मात्रा को देखते हुए और उस पर रोक लगाने के लिए एक नया कैंपेन शुरू किया है. दिल्ली सरकार ने रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ कैंपेन शुरू किया है. इस कैंपेन का उद्देश्य इसके नाम से ही क्लियर हो रहा है. राज्य सरकार ने नया कैंपेन शुरू किया है, जिसके तहत रेड लाइट पर गाड़ियों को बंद रखने की अपील की गई है. सरकार का कहना है कि इससे शहर में बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सकती है.
दिल्ली सरकार ने शुरू किया नया कैंपेन
दिल्ली सरकार का कहना है कि अब राज्य में रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ कैंपेन को लागू कर दिया गया है. ये कैंपेन आज यानी 21 अक्टूबर से लागू हो गया है. इस कैंपेन के तहत लोगों से अपील की जा रही है कि रेड लाइट ऑन हो जाए तो उस दौरान गाड़ी के इंजन को ऑफ कर दिया जाए. इसमें बाइक, कार या दूसरे व्हीकल्स को शामिल किया गया है.
कैंपेन की शुरुआत दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कार्यकर्ताओं के साथ आईटीओ की रेड लाइट से किया. इस अभियान के तहत उन्होंने गाड़ी चालकों से रेड लाइट होने पर गाड़ी का इंजन बंद कर प्रदूषण कम करने में अपना योगदान देने की अपील की. उन्होंने कहा है कि "दिल्ली वालों को दिल्ली के बाहर से आने वाले प्रदूषण की मार झेलनी पड़ती है.
पॉल्यूशन कम करने पर ज्यादा फोकस
गोपाल राय ने कहा है कि दिल्ली के अंदर आप सरकार अपना काम युद्धस्तर पर कर रही है. इसी क्रम में आज रेड लाइट ऑन - गाड़ी ऑफ जन अभियान का आगाज किया गया. मेरी दिल्ली वालों से अपील है कि रेड लाइट पर सभी अपनी गाड़ियों का इंजन बंद कर लें, इससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी.
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देख दिल्ली सरकार नए नए पैंतरे आज़मा रही है. गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर सर्दियों में डस्ट पॉल्यूशन, व्हीकल पॉल्यूशन और पराली के धुएं का प्रदूषण बढ़ जाता है. उन्होंने आगे बताया कि आनंद विहार में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं लेकिन आनंद विहार में हज़ारों की तादाद में डीज़ल की बसे धुआं उड़ा रही हैं.