दिवाली से पहले दिल्ली में पटाखों की खरीद और बिक्री पर लगा बैन, पकड़े गए तो भरना होगा इतना जुर्माना
Delhi Firecrackers Ban: दिवाली आने के पहले दिल्ली में एक बार फिर से पटाखों की खरीद और बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है.
Delhi Firecrackers Ban: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस साल 12 नवंबर को पड़ने वाली दिवाली से पहले पटाखों की बिक्री, निर्माण या भंडारण के लिए लाइसेंस देने के खिलाफ शहर पुलिस को निर्देश जारी किया है. इस कार्रवाई का उद्देश्य दिवाली के साथ सर्दियों के मौसम के दौरान प्रदूषण के स्तर को कम करना है. गोपाल राय (Gopal Rai) ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (DPCC) को पटाखों के निर्माण, भंडारण, ऑनलाइन बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है.
तीन साल से पटाखों पर है बैन
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली पुलिस को शहर में यह प्रतिबंध लागू करने के सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे. दिल्ली सरकार पिछले तीन साल से सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगाती आ रही है. राय ने कहा कि हमने पिछले पांच-छह वर्ष में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार देखा है लेकिन हमें इसमें और सुधार करना है, इसलिए हमने इस साल भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
कितना लगेगा जुर्माना
सरकार ने पिछले साल घोषणा की थी कि शहर में दीपावली पर पटाखे जलाने पर छह महीने तक की जेल होगी और 200 रुपये का जुर्माना लगेगा. इसमें कहा गया था कि दिल्ली में पटाखों का उत्पादन, भंडारण और बिक्री करना विस्फोटक अधिनियम की धारा 9B के तहत दंडनीय होगा और ऐसा करने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना और तीन साल की जेल हो सकती है.
पर्यावरण मंत्री के मुताबिक, "हम सभी बड़े उत्साह से दिवाली मनाते हैं. दीये जलाने के अलावा, हम पटाखे भी फोड़ते हैं, जिसके कारण धुएं का एक घना बादल निकलता है जो दिवाली के अगले दिन पूरी दिल्ली को घेर लेता है. जब पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण इसमें जोड़ा जाता है, तो AQI लेवल बढ़कर गंभीर स्तर तक पहुंच जाता है."
पटाखों से खराब हो जाता है AQI
उनके मुताबिक, "हम जानते हैं कि सर्दियों के आगमन के साथ दिल्ली में प्रदूषण बढ़ जाता है. दिल्ली का AQI जनवरी और अगस्त के बीच कम रहा, 10 सितंबर (रविवार) को दिल्ली में 45 एक्यूआई दर्ज किया गया. हालांकि, अक्टूबर में जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती हैं, पार्टिकुलेट मैटर (PM) बढ़ना शुरू हो जाता है, जमा होता है, जिससे स्थानीय और बाहरी दोनों प्रदूषण स्रोतों के कारण पर्यावरण विषाक्त हो जाता है."
पर्यावरण मंत्री ने यह भी बताया कि वे मंगलवार को पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ एक बैठक करेंगे. सभी विभाग के अधिकारियों के साथ एक और बैठक 14 सितंबर को होगी. गोपाल राय ने आगे बताया कि 23 अक्टूबर 2018 को शीर्ष अदालत ने एक आदेश जारी कर राजधानी में केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति दी थी. हालांकि, यह देखा गया कि ग्रीन पटाखों की आड़ में विभिन्न प्रकार के पटाखे बेचे और फोड़े गए, जिससे प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया.
2021 में लगा पटाखों पर पूरा बैन
दरअसल, NGT ने 12 जनवरी 2020 को पूरे एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश पारित किया, जहां प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है. डीपीसीसी ने 28 सितंबर 2021 को पटाखों के निर्माण और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया.
गोपाल राय ने कहा, "2022 में पटाखों पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया. 2014 में पीएम का स्तर 324 हुआ करता था, जो अब घटकर 188 हो गया है. पीएम 2.5 में भी 46 प्रतिशत की कमी आई है. पीएम 10 में 2014 से 2023 के बीच 42 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने डीपीसीसी को पटाखों के विनिर्माण, भंडारण, ऑनलाइन बिक्री, फोड़ने आदि पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेते हुए निर्देश दिया है.''
गोपाल राय ने कहा, दिल्ली पुलिस हर साल पटाखे बेचने के लिए लाइसेंस जारी करती है, इसलिए वे प्रदूषण को कम करने में मदद करने के लिए दिल्ली पुलिस को पटाखों के भंडारण, बिक्री या निर्माण के लिए कोई लाइसेंस नहीं देने के निर्देश जारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि हमने देखा है कि दिल्ली में लोग चोरी-छिपे दूसरे राज्यों से पटाखे लाते हैं. हम पड़ोसी राज्यों से एनजीटी के आदेश का पालन करने की अपील करते हैं और हम उन्हें पत्र भी लिखेंगे.
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