गैम्बिया में 69 बच्चों की मौत के मामले में नेशनल ड्रग रेगुलेटर DCGI ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) को जवाब भेजा है. डीसीजीआई ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है. कंपनी से सैंपल कलेक्ट किए गए हैं जिसकी जांच क जा रही है. अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसको लेकर एक स्पेशल कमिटी का गठन किया है. इस कमिटी ने अपनी पहली बैठक में गैम्बिया में हुए बच्चों की मौत मामले पर WHO द्वारा दी गई रिपोर्ट को देखा. कमिटी ने पाया कि कई मामलों में रिपोर्ट अस्पष्ट है. ऐसे में और डिटेल मांगे गए हैं.

29 अक्टूबर को WHO ने सूचना दी थी

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मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ की तरफ से 6 अक्टूबर को प्रेस रिलीज जारी किया गया था. इस रिलीज के मुताबिक, 29 अक्टूबर को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेश ने डीसीजीआई को इस संबंध में सूचना दी थी. इसके बाद CDSCO यानी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने तुरंत एक्शन लिया और हरियाणा स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के साथ मिलकर सोनीपत स्थित मेडन फार्मास्युटिक्लस के प्लांट का निरीक्षण किया.

मेडन फार्मा के पास मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस

शुरुआती जांच में पाया गया कि मेडन फार्मास्युटिकल्स के पास चारों कफ सिरप के मैन्युफैक्चरिंग का परमिशन है. ये चारो कफ सिरप केवल निर्यात किए जाते हैं. देश में इसका इस्तेमाल नहीं होता है. साथ में यह भी कहा गया कि जब कोई देश आयात करता है तो यह उसकी भी जिम्मेदारी बनती है तो इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स के क्वॉलिटी की जांच करे.

बाजार में  बिक रहे सभी कफ सिरप की हो रही जांच

बता दें कि इस घटना के बाद राज्यों के ड्रग रेगुलेटर्स ने भी अपनी तरफ से बाजार में बिक रहे और उनके राज्यों में बन रहे कफ सिरप की जांच तेज कर दी है. भारतीय बाजार में बिक रहे सभी कफ सिरप की जांच की जा रही है. राज्यों के ड्रग रेगुलेटर्स ने जांच के लिए सैंपल जुटाए हैं. कई राज्यों के ड्रग रेगुलेटर्स ने जी बिजनेस को सैंपल कलेक्शन की पुष्टि की है.

DEL और EL की मात्रा की जांच की जा रही है

रिपोर्ट के मुताबिक, रेगुलेटर की तरफ से दवा कंपनियों को भी तलब की जा रही है. जांच में जोर इस बात पर है कि कफ सिरप में DEL और EL तो नहीं है. अभी तक की जांच के मुताबिक, गैम्बिया में बच्चों की मौत का कारण  डाइइथाइलिन ग्लाइकॉल, इथाइलिन ग्लाइकॉल जैसे खतरनाक केमिकल्स हैं. दरअसल कफ सिरप में प्रोपाइलीन ग्लाइकॉल बतौर सॉल्वेंट इस्तेमाल किया जाता है. कई बार लागत घटाने के लिए DEL, EL का भी मिक्स किया जाता है. गैम्बिया में बच्चों की मौत के मामले में इसकी मात्रा बढ़ने का हवाला दिया जा रहा है. जांच के दायरे में अभी केवल बच्चों के कफ सिरप ही नहीं है.