Cyclone Biparjoy: जमीन से टकराया तबाही का तूफान, लैंडफॉल के बाद कैसा रूप लेगा बिपरजॉय, जानिए क्या है पूरा प्रोसेस
Cyclone Biparjoy Landfall Process: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) गुरुवार शाम गुजरात के तटीय इलाकों से टकरा गया. अगले कुछ घंटों में क्या होगा इसका हाल.
Cyclone Biparjoy Landfall Process: पिछले कुछ दिनों में जिस तूफान को लेकर चेतावनी दी जा रही थी, उस चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) गुरुवार की शाम को तटीय इलाकों से टकराया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि अरब सागर में 10 दिन तक चलने के बाद बिपरजॉय ने गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के पास दस्तक देना शुरू कर दिया है. कच्छ और सौराष्ट्र के तटों पर 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं और भारी बारिश हो रही है. इसे लेकर सभी जरूरी एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. Biparjoy के लैंडफॉल का प्रोसेस गुरुवार देर रात तक पूरी हो जाएगी. तूफान को लेकर जारी चेतावनी के बीच एक लाख लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से निकाला जा चुका है.
कहां मंडरा रहा है खतरा?
IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्र ने आगाह किया, "हमें आश्चर्य नहीं होगा अगर कुछ क्षेत्रों में 25 सेमी से अधिक वर्षा दर्ज की जाती है. आमतौर पर, साल के इस समय में इतनी तीव्र वर्षा नहीं होती है. इसलिए, निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा है."
मौसम विभाग ने पहले कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ जिलों में बहुत भारी (11.5 सेमी से 20.4 सेमी) से अत्यधिक भारी बारिश (20.5 सेमी से अधिक) की चेतावनी दी थी. उन्होंने बताया कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) के चलते खड़ी फसलों, घरों, सड़कों, बिजली और संचार के खंभों के उखड़ने का खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि भारी टाइड से सौराष्ट्र और कच्छ के निचले इलाकों में बाढ़ आ सकता है
क्या है लैंडफॉल का प्रोसेस?
आपको बता दें कि जब कोई चक्रवाती तूफान तेज हवाओं के साथ समुद्र की और से प्रवेश करता है, उसे लैंडफॉल कहते हैं. इस दौरान भारी बारिश, तेज हवाओं के साथ समुद्र का जलस्तर भी बढ़ जाता है. तूफान का असर लैंडफॉल के कई घंटे पहले ही देखने को मिलने लगता है. इस दौरान चक्रवाती तूफान के प्रभावित इलाकों में बारिश और धूल भरी आंधियां भी चलती हैं.
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें मिलकर कर रहीं काम
आपदा प्रबंधन के लिए राज्य सरकार वायु सेना, नौसेना, तटरक्षक और सेना के साथ मिलकर काम कर रही है. अधिकारियों ने कहा कि NDRF की 15 टीमें, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की 12 टीमें और भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, भारतीय तटरक्षक बल और सीमा सुरक्षा बल के कर्मियों को राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है.
एहतियात के तौर पर चक्रवात की आशंका वाले जिलों में 4000 से अधिक होर्डिंग हटा दिए गए हैं. चक्रवात के कम होने के बाद बिजली आपूर्ति को तेजी से बहाल करने के लिए पीजीवीसीएल के 597 कर्मियों की एक टीम को इकट्ठा किया गया है.
तूफान के बाद बिजली बहाली प्रक्रिया के लिए उठाया ये कदम
सभी सब-स्टेशनों पर आवश्यक तार के खंभे आसानी से उपलब्ध करा दिए गए हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में बिजली बहाली प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अन्य जिलों से टीमों को जुटाया गया है. तटीय क्षेत्रों में चक्रवात से प्रभावित जिलों में सरकारी स्कूलों और कार्यालयों में आश्रय गृह स्थापित किए गए हैं.
भोजन, पानी और दवा जैसे किए आवश्यक प्रावधान
ये सुविधाएं भोजन, पानी और दवा जैसे आवश्यक प्रावधानों के साथ सुरक्षित आवास मुहैया कराती हैं. इसके अतिरिक्त, आस-पास के स्थानों को सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों में स्वास्थ्य केंद्रों से सुसज्जित किया गया है, जहां पर्याप्त चिकित्सा कर्मचारी और आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं. जनरेटर सेट और अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की भी व्यवस्था की गई है.
तूफान में काम आएगी ये संचार प्रणाली
भारी बारिश और तूफान के चलते संचार प्रणाली में किसी भी संभावित व्यवधान को दूर करने के लिए सैटेलाइट फोन और हैम रेडियो सेवाओं को तैयार रखा गया है. इसके अलावा, मोबाइल सेवा ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया है कि वे एहतियात के तौर पर वैकल्पिक टावरों को चालू रखें.
वहीं बिपरजॉय के असर से जिलों में टेलीकॉम नेटवर्क टूटने पर लोग किसी भी टेलीकॉम नेटवर्क का उपयोग कर सकेंगे. दूरसंचार विभाग के गुजरात लाइसेंस सर्विस एरियाज जीएलएसए ने इस संबंध में सभी जरूरी उपाय पहले से कर लिए हैं. इससे यदि किसी टेलीकॉम ऑपरेटर की सेवा का लोग उपयोग नहीं कर पाएंगे तो उनके पास विकल्प होगा कि वे दूसरे ऑपरेटर की सेवा लें.
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