पर्यावरण से है प्यार तो डिजाइन करो खुद की साइकिल, सरकार ने शुरू की अनूठी पहल, जानें प्रोसेस
Cycle Design Challenge: पर्यावरण को नुकसान वाली चीजों का इस्तेमाल कम हो जाए और एनवायरमेंट फ्रेंडली सामान का इस्तेमाल ज्यादा हो. इस सिलसिले में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एक नया चैलेंज शुरू किया है.
Cycle Design Challenge: देश में पर्यावरण और पॉल्यूशन को लेकर कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. सरकार की तरफ से भी लगातार कई कदम उठाए जा रहे हैं ताकि पर्यावरण को नुकसान वाली चीजों का इस्तेमाल कम हो जाए और एनवायरमेंट फ्रेंडली सामान का इस्तेमाल ज्यादा हो. इस सिलसिले में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एक नया चैलेंज शुरू किया है. इस चैलेंज के तहत भागीदारी करने वाले लोगों को एक साइकिल तैयार करनी होगी और ये साइकिल पर्यावरण के अनुरूप होगी. इतना ही नहीं, इस साइकिल कम कम लागत में बनाना है ताकि इसकी कीमत सस्ती हो और हर कोई इस साइकिल को अफोर्ड कर सके.
भारत साइकिल चैलेंज डिजाइन शुरू
भारत में एक अनूठा 'भारत साइकिल डिजाइन चैलेंज' शुरू किया गया है. इस चैलेंज में देशभर के छात्र हिस्सा ले सकते हैं. इन छात्रों को भारतीय बाजार की जरूरतों के अनुरूप, सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल साइकिल डिजाइन करनी होगी.
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने यह भारत साइकिल डिजाइन चैलेंज (बीसीडीसी) शुरू किया है. एआईसीटीई (SICTE) के मुताबिक छात्रों की टीमें भारत साइकिल डिजाइन चैलेंज में हिस्सा ले सकती हैं. इसका उद्देश्य मानव कल्याण और पर्यावरण के लिए शारीरिक गतिविधि के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.
इन दिनों का खास तौर पर रखें ध्यान
यह प्रतियोगिता कम्यूट और कार्गो साइकिल थीम पर आधारित रहेगी. जिनमें प्रत्येक में इलेक्ट्रिक वाहन और नॉन इलेक्ट्रिक वाहन की उपश्रेणियां होंगी. बीसीडीसी 4 चरण में आयोजित की जाएगी. जिसमें पहला चरण, कॉम्प्राइजिंग कॉन्सेप्ट डेवलपमेंट का 3 जून से 15 जुलाई को, दूसरा चरण प्रोटोटाइपिंग 1 अगस्त से 31 अगस्त को, तीसरा चरण परीक्षण और मूल्यांकन 1 सितंबर से 30 सितंबर को आयोजित किया जाएगा.
इसके अलावा चौथे चरण में इन चरणों में विजेता रहे प्रतिभागियों का ग्रैंड फिनाले आयोजित किया जाएगा. जिसके तहत 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर नई दिल्ली में इनके प्रोटोटाइप प्रदर्शित किए जाएंगे. एआईसीटीई बीसीडीसी के माध्यम से सस्टेनेबिलिटी, एर्गोनॉमिक्स, एस्थेटिक्स और मेंटेनेंस पर फोकस रखते हुए ईवी, नॉन-ईवी की उपश्रेणियों के साथ रिक्शा व साइकिलों की स्थिरता, एर्गोनॉमिक्स, एस्थेटिक्स और मेंटेनेंस पहलुओं को प्राथमिकता देगा.
क्रिएटिविटी और नए विचार को बढ़ावा देना उद्देश्य
एआईसीटीई का कहना है कि भारत साइकिल डिजाइन चैलेंज (बीसीडीसी) साइकिल निर्माण में उनका उद्देश्य नए विचारों और रचनात्मकता को बढ़ावा देना है. प्रतियोगिता का उद्देश्य स्थायी परिवहन को बढ़ावा देकर और भारत में लोगों के विभिन्न समूहों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है जिससे वो एक हरित और स्वस्थ समाज में योगदान दे सकें. इस प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों को भारतीय बाजार की जरूरतों के अनुरूप सस्ती, पर्यावरण के अनुकूल साइकिल डिजाइन करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है.
भारत साइकिल डिजाइन चैलेंज (बीसीडीसी) की प्रमुख पहल के तहत व्यक्तिगत और टीम सदस्यों का प्रतियोगिता में भागीदारी के लिए स्वागत किया जाता है. जिसके तहत आगे प्रतिभागियों को अपने उद्योग को बढ़ाने के लिए उद्योग भागीदारों और विशेषज्ञों के सहयोग से प्रोत्साहित किया जाएगा.
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