Cyber Attack Report 2023: भारतीय कंपनियों पर हर दिन 9000 ऑनलाइन हमले; रिपोर्ट में बताया- क्या ना करें
कैस्परस्काई के रिपोर्ट के मुताबिक साइबर अपराधियों की ओर से 2023 में भारतीय कंपनियों पर औसत 9,000 साइबर हमले प्रतिदिन किए गए हैं. यूजर की लापरवाही, वेब सर्विस डेवलपर के कारण वेब अटैक का खतरा हो सकता है, इंस्टीटूशन्स को एक फ्रेंडली और इंटेलिजेंस अप्रोच वाले साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन और सर्विसेज की आवश्यकता है.
Cyber Attack Report 2023: साल 2023 में भारतीय कंपनियों पर कई साइबर अटैक की खबरें सामने आईं. एक रिपोर्ट जारी हुई है, जिसमें बताया जा रहा है कि बीते साल यानी कि 2023 में इंडियन कंपनियों पर हर दिन 9000 ऑनलाइन हमले किए गए हैं. इंटरनेट की दुनिया लोगों का काम जितना आसान बना दिया है, दूसरी तरफ उतनी ही खतरनाक भी साबित हो रहा है. एक रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया कि साइबर अपराधियों की ओर से 2023 में भारतीय कंपनियों पर औसत 9,000 साइबर हमले प्रतिदिन किए गए हैं. ऐसे इंस्टीटूशन्स जिनके पास काफी ज्यादा बड़ी संख्या में डाटा है, उनकी छवि को साइबर अटैक बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं, साथ ही उन्हें बड़ा इकोनॉमिक लॉस भी हो सकता है.
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
साइबर सिक्योरिटी कंपनी कैस्परस्काई के मुताबिक, 2023 में भारतीय कंपनियों पर करीब 30 लाख से ज्यादा हमले साइबर अपराधियों की ओर से जनवरी से दिसंबर के बीच में किए गए हैं. इसमें 2022 में तुलना में 47 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है.
कैस्परस्काई के भारत के जनरल मैनेजर जयदीप सिंह ने कहा कि सरकार स्थानीय डिजिटल अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी फोकस कर रही है. ऑनलाइन हमलों को देखते हुए भारतीय कंपनियों को साइबर सिक्योरिटी को प्रमुखता से लेना होगा. आगे कहा कि अगर कंपनियां साइबर सिक्योरिटी को प्राथमिकता में लेने में विफल रहती हैं तो वे डिजिटलीकरण का फायदा पूरी तरह से नहीं उठा पायेंगी. अब सक्रिय कदम उठाने और पोटेंशियल साइबर खतरों से प्रोटेक्ट करने का समय आ गया है.
कैसे होते हैं साइबर हमले?
रिपोर्ट में बताया गया कि वेब बेस्ड खतरे और ऑनलाइन अटैक, साइबर सुरक्षा के तहत एक कैटेगरी है. इसकी मदद से कई साइबर अपराधी कंपनियों को निशाना बनाते हैं. यूजर की लापरवाही, वेब सर्विस डेवलपर/ऑपरेटर के कारण वेब अटैक का खतरा हो सकता है.
सिंह ने आगे कहा कि 2024 में भारतीय कंपनियों को अपने साइबर सुरक्षा के स्तर को बढ़ाना होगा. वो दिन चले गए जब केवल फायरबॉल और एंडप्वाइंट्स सॉल्यूशंस के माध्यम से आसानी से साइबर सुरक्षा की जा सकती है. उन्होंने कहा की आज के समय में सभी इंस्टीटूशन्स को एक फ्रेंडली और इंटेलिजेंस अप्रोच वाले साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन और सर्विसेज की आवश्यकता है.