Cyber Attack on AIIMS: हैकर्स ने एम्स-दिल्ली से 200 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरंसी में मांगे थे. छठे दिन भी मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. PTI के मुताबिक, हैकर्स ने एम्स-दिल्ली से 200 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरंसी में मांगे थे. छठे दिन भी मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. एम्स में इमरजेंसी, आउटपेशेंट, इनपेशेंट, लैब इकाई को रजिस्टरों पर और मैनुअली देखा जा रहा है. लेकिन इस बात से एम्स प्रशासन मे साफ तौर पर मना किया है कि 200 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरंसी मांगने की कोई बात नहीं हुई है.

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सभी काम हो रहे मैन्युअली हैकर्स के चोरी किए गए डेटाबेस में अस्पताल के मरीजों, डॉक्टरों, कर्मचारियों के पर्सनल डेटा शामिल हैं. इसके साथ ही अस्पताल का प्रशासनिक डेटा जैसे ब्लड डोनर रिकॉर्ड, एम्बुलेंस रिकॉर्ड, टीकाकरण रिकॉर्ड, देखभाल करने वाले रिकॉर्ड, लॉगिन क्रेडेंशियल आदि शामिल हैं.  ओपीडी और आईपीडी में सभी काम मैन्युअली हो रहे हैं. सर्वर डाउन होने की वजह से मरीजों का कम्‍प्‍यूटर से पर्चा बनना बंद हो गया था. मरीजों और एडमिन ऑफिस को इसके चलते काफी परेशानी उठानी पड़ी थी. ऑनलाइन सेंट्रल सिस्टम से जुड़े कंप्यूटर्स की जांच जांच एजेंसियां AIIMS में ऑनलाइन सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से जुड़े सभी कंप्यूटर्स को खंगाल रही हैं. साइबर एक्सपर्ट और सॉफ्टवेयर इंजीनियर डेटा हैक के सोर्स और रिसीवर की तलाश में जुटी है. साथ ही साइबर अटैक से होने वाले नुकसान को जल्द से जल्द रिकवर करने की बात चल रही है. शुक्रवार को हुआ था साइबर अटैक एम्स में शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे इमरजेंसी लैब में कॉल आया था कि मरीजों की रिपोर्ट खुल नहीं पा रही है. इस कॉल के तुरंत बाद एम्स के बिलिंग सेंटर की फाइल का खुलना भी बंद हो गया. इसके बाद जब ओपीडी फाइलों को जांचा गया तो वह भी नहीं खुल रही थी. इसके बाद से ही अस्पताल में हड़कंप मच गया.