कोरोनावयरस (Coronavirus)  के बढ़ते कहर को देखते हुए भारत को पूरी तरह लॉकडाउन (Lockdown) कर दिया गया है. देश में करीब-करीब सभी तरह की सर्विस बंद हैं. पब्लिक-प्राइवेट कंपनीयों के एम्प्लॉई घर से काम (Work from Home) कर रहे हैं. लेकिन, पिछले कुछ दिनों में वर्क फ्रॉम होम की वजह से इंटरनेट पर बड़ा इम्पैक्ट आया है. एम्प्लॉइज के घर से लगातार 9 घंटे काम करने से नेट की कनेक्टिविटी काफी धीमी हो गई है. यही वजह है कि अब टेलीकॉम कंपनियां इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने जा रही हैं.

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इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 25 फीसदी तक स्पीड को बढ़ाया जा सकता है. सभी कंपनियां ट्रैफिक मैनेजमेंट के हिसाब से स्पीड को बढ़ाएंगी. इससे घर से काम कर रहे लोगों को बेहतर स्पीड और कनेक्टिविटी मिलती रहेगी. साथ ही नए प्लान्स की भी डिमांड बढ़ गई है. कंपनियां नया ब्रॉडबैंड कनेक्शन भी लगा रही हैं. इन कंपनियों में भारती एयरटेल (Airtel), एक्साइटल (Excitel) और स्पेक्ट्रा (Spectra) जैसी कंपनियां शामिल हैं. 

क्यों आई थी दिक्कत

दरअसल, लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर लोग वीडियो प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. वीडियो हाई डेफिनेशन (HD) में देखी जाती है. इसका सीधा असर टेलीकॉम कंपनियों की बैंडविथ पर पड़ा है. अब कंपनियों ने सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से अपील की है कि उनसे रेजोल्यूशन को लो रखा जाए. 

अब ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के इस कदम से टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क पर बोझ बहुत कम किया गया है. टेलीकॉम कंपनियां जहां जरूरत है वहां पर डेटा मुहैया कराएंगी. साथ ही लोग भी आसानी से घर से काम कर सकेंगे.

नेटवर्क शेयर करेंगी कंपनियां

ज्यादा लोगों के घर से काम करने की वजह से टेलीकॉम कंपनियों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काफी असर पड़ रहा है. जिसे कम करने के लिए कंपनीयां आपस में ही नेटवर्क शेयरिंग करने की तैयारी में है. कंपनी ने ये फैसला इसलिए लिया है ताकि इमरजेंसी में सारी सेवाओं को चालू रखा जा सके. 

बोझ कम करने की तकनीक

एक रिपोर्ट के अनुसार डेटा यूसेज़ में 15-20% की बढ़ोतरी देखी गई है. साथ ही लैंडलाइन, ब्रॉडबैंड जैसी सभी इंटरनेट सेवाओं में 10 % की बढ़ोतरी हुई है. लॉकडाउन के समय में लोग घर से सही तरीके से काम कर सकें, इसीलिए टेलीकॉम कंपनियों ने इंट्रा सर्किल रोमिंग प्रोटोकॉल एक्टिवेट किया है. 

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ट्रैफिक मैनेजमेंट किया

रिपोर्ट के मुताबिक, अगर किसी भी कंपनी का मोबाइल टावर बंद हुआ तो उसका असर इंटरनेट सेवाओं पर नहीं पड़ेगा. साथ ही इससे कॉलिंग में कोई दिक्कत नहीं आऐगी. कंपनीयों ने अपनी सर्विस जारी रखने के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रैक्टिस शुरू की है. इसके जरिए जिन जगाहों पर ज्यादा डेटा की खपत है, वहां कंपनियां ज्यादा रिसोर्स उपलब्ध करा रही हैं.