कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बीच फार्मा कंपनी ने Cipla ने दावा किया है कि वह 6 महीने में इस वायरस की दवा (Coronavirus medicine) पेश कर सकती है. इससे वह वायरस के इलाज की दवा बनाने वाली देश की पहली कंपनी बन सकती है. बता दें कि कंपनी फेफड़ों से जुड़ी दूसरी बीमारियों की दवा की भी टेस्टिंग कर रही है.

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टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक कंपनी पहले भी फेफड़ों से जुड़ी कुछ दवाओं को भारत में सप्‍लाई कर चुकी है. कंपनी के मुताबिक वह दूसरी दवाओं को भी लाने को तैयार है. कंपनी वायरस के इलाज के लिए एंटी वायरल कंपाउड बनाएगी. इनमें फेविपिराविर, रेंमिडेसिविर और बोलैक्‍सेविर शामिल हैं. इनकी मदद से कोरोना वायरस की दवा 6 महीने में तैयार हो जाएगी.

उधर, सरकार ने भी देश में चिकित्सा उपकरणों की मैन्‍युफैक्‍चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एक उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दी है, जिसपर करीब 3,420 करोड़ रुपये का व्यय होने का अनुमान है. 

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 चिकित्सा उपकरण पार्कों में आम बुनियादी सुविधाओं के लिए 400 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है. 

बयान में कहा गया कि उक्त योजनाओं के लिए 2020-21 से 2024-25 तक अगले पांच वर्षों के दौरान निवेश किया जाएगा.बयान में कहा गया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार चिकित्सा उपकरण पार्कों में आम बुनियादी सुविधाओं के वित्तपोषण के लिए 400 करोड़ रुपये की योजना और एक उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है. इसके साथ ही चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को भी मंजूरी दी है. इस योजना पर करीब 3,420 करोड़ रुपये का व्यय होने का अनुमान है.

चिकित्सा उपकरण पार्कों को बढ़ावा देने के लिए उप-योजना के तहत चार चिकित्सा उपकरण विनिर्माण पार्कों में आम बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिससे देश में चिकित्सा उपकरणों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है. 

बयान में कहा गया कि पीएलआई योजना घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगी और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित करेगी. इससे पांच साल के दौरान 68,437 करोड़ रुपये का उत्पादन होने का अनुमान है. इसने आगे कहा गया कि इन योजनाओं में पांच साल की अवधि में 33,750 अतिरिक्त रोजगार के मौके तैयार होने और आयात में कमी आने की उम्मीद है.