हरियाणा के हर गांव में गोबर गैस से जलेगा चूल्हा, शुरू होगी कम्युनिटी बायोगैस प्लांट योजना
गोबर गैस प्लांट से ग्रामीणों को सभी खर्च शामिल करके एक सिलेंडर जितनी गैस 300 रुपये से भी कम कीमत पर उपलब्ध होगी.
हरियाणा (Haryana) में आने वाले दिनों में गांव की महिलाएं बायोगैस (Biogas) पर ही खाना बनाते नजर आएंगी. दरअसल, प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने हिसार (Hisar) के नया गांव में सामुदायिक बायोगैस प्लांट की दूसरी यूनिट का शुभारंभ किया है.
दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के सभी 138 खंडों के एक-एक गांव में इसी तर्ज पर बायोगैस प्लांट (Gobar Gas Plant) लगवाए जाने की बात कही है.
हिसार (Hisar) का नया गांव एक ऐसा गांव बन गया है जिसमें सामुदायिक बायोगैस प्लांट लगाकर गोबर गैस को पाइप लाइनों के माध्यम से हर घर तक पहुंचाया है. इस प्रोजेक्ट की कामयाबी को देखते हुए सरकार ने राज्य के सभी 138 खंडों के एक-एक गांव में बायोगैस प्लांट लगाने का फैसला किया है.
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उकलाना हलके के नया गांव में सामुदायिक बायोगैस प्लांट, सामुदायिक केंद्र व पशु अस्पताल का उद्घाटन किया.
उन्होंने बताया कि इस गोबर गैस प्लांट से ग्रामीणों को सभी खर्च शामिल करके एक सिलेंडर जितनी गैस 300 रुपये से भी कम कीमत पर उपलब्ध होगी. इससे लोगों का एलपीजी गैस पर होने वाले खर्च में काफी कमी आएगी. इसके साथ ही बायोगैस प्लांट से गांव में रोजाना निकलने वाले गोबर का भी सही इस्तेमाल होगा.
बायोगैस प्लांट योजना के लिए सरकार अनुदान भी देती है. हर राज्य का इसके लिए अनुदान की प्रक्रिया अलग-अलग है. हरियाणा में गोबर गैस प्लांट के लिए हरियाणा रिन्यूवल एनर्जी डवलपमेंट एजेंसी (HAREDA) में आवेदन करना होगा.
बता दें कि केंद्र सरकार बॉयोगैस बनाने की तकनीक के नए प्रोजेक्ट को लागू कर रही है. तेल और गैस का आयात घटाने के लिए देश को बायोगैस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाना होगा.
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केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश में बायोगैस बनाने के 5,000 प्रोजेक्ट स्थापित करना चाहती है. यहां महिलाएं कंपनी बनाकर घरों व खेतों के कचरे और पराली से बायोगैस उत्पादन कर सकती हैं. केंद्र उनके द्वारा बनायी गैस को उचित मूल्य पर खरीदने को तैयार है.
(रिपोर्ट- रोहित कुमार/हिसार)