चीन को एक और आर्थिक चोट, फूड मिनिस्ट्री ने किया चीनी सामान का बहिष्कार
कंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि विदेशी वस्तुओं को मानकों पर परखने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने चीनी उत्पादों (Chinese products) के लिए अपने मंत्रालय का दरवाजा बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि उनके विभाग में अब कोई भी चीनी सामान नहीं आएगा और इस संबंध में सर्कुलर (circular) जारी कर दिया गया है. इसके अलावा विदेशी वस्तुओं को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय मानकों पर भी परखा जाएगा.
केंद्रीय खाद्य मंत्री के इस फैसले के बाद मंत्रालय और मंत्रालय के अंडर आने वाले विभागों व संगठनों में इस्तेमाल किए जाने वाले सामान जो खरीद होगी उनमें चीनी उत्पाद शामिल नहीं होंगे. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के तहत भारतीय खाद्य निगम (FCI) और सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (CWC) जैसे संगठन भी आते हैं.
मंत्रालय के सर्कुलर में कहा गया है कि चीन में बनी कोई भी वस्तु जीईएम पोर्टल (GeM Portal) या कहीं और से नहीं खरीदी जाएगी.
कंद्रीय मंत्री ने कहा कि विदेशी वस्तुओं को मानकों पर परखने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं. ये नियम न सिर्फ चीन बल्कि विदेशों से आने सभी वस्तुओं पर लागू होंगे.
उन्होंने कहा कि जिस तरह विदेशों में भारतीय वस्तुओं को मानकों पर परखा जाता है उसी तरह यहां भी विदेशी वस्तुओं को मानकों पर परखा जाएगा.
राम विलास पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के उस फैसले का स्वागत किया जिसमें उन्होंने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना की सीमा बढ़ाकर नवंबर तक कर दी है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास इस योजना के तहत हर परिवार को राशन मुहैया कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में अनाज है.
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खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, 29 जून तक उसके स्टॉक में कुल 816 लाख मीट्रिक टन अनाज मौजूद है. इसमें 266 लाख मीट्रिक टन चावल जबकि, 550 लाख मीट्रिक टन गेहूं मौजूद है.