Char Dham yatra: 50 साल से अधिक उम्र के तीर्थयात्रियों के लिए नए नियम, 101 लोगों की मौत के बाद अलर्ट जारी
Char Dham Yatra latest News: यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से राज्य सरकार ने एक जरूरी कदम उठाया है.
Char Dham Yatra latest News: उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार ने चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से राज्य सरकार ने एक जरूरी कदम उठाया है. अब चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) पर आने वाले 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हेल्थ स्क्रीनिंग कराना जरूरी होगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चारधाम यात्रा के शुरुआती माह मई में ही 101 श्रद्धालुओं की मौत होने से अधिकारी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ दोनों चिंतित हैं.उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चार धाम - बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, के रास्ते में ह्रदय संबंधी समस्याओं के कारण श्रद्धालुओं की मौत की घटनाएं हर साल होती हैं, लेकिन इस बार यह संख्या कहीं ज्यादा है.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
अब तक 101 श्रद्धालुओं की हो चुकी है मौत
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक 101 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. इनमें से 49 की मौत केदारनाथ धाम, 20 की बद्रीनाथ धाम, 7 की गंगोत्री धाम और 25 यात्रियों की मौत यमुनोत्री धाम में हुई है. मृतकों की संख्या पर लगाम लगाने के लिए अब सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए आने वाले 50 साल या इससे ऊपर के श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच जरूरी कर दिया है. इस यात्रा पर 50 साल या उससे अधिक उम्र के आने वाले यात्रियों को इसे फॉलो करना होगा.
इस वजह से जा रही है लोगों की जान
केदारनाथ में निशुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रही सिग्मा हेल्थकेयर के प्रमुख प्रदीप भारद्वाज ने श्रद्धालुओं की मौत में बढोत्तरी के कई कारण बताए जिनमें तीर्थयात्रियों के लिए जलवायु के अनुकूल ढलने की प्रक्रिया की कमी, ज्यादातर लोगों की कोविड के कारण क्षीण शरीर प्रतिरोधक क्षमता, उच्च हिमालयी क्षेत्र में अनिश्चित मौसम और तीर्थयात्रियों की भारी भीड को देखते हुए अपर्याप्त इंतजाम शामिल हैं.
इस साल हुई है मरने वालों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी
पिछले सालों के आंकड़ों से स्पष्ट है कि वर्ष 2019 में 90 से ज्यादा, 2018 में 102, 2017 में 112 चारधाम तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई थी. गौरतलब है कि ये आंकड़े अप्रैल-मई में यात्रा शुरू होने से लेकर अक्टूबर-नवंबर में उसके बंद होने तक यानी छह माह की अवधि के हैं.