Chandrayaan-3: सारे काम खत्म कर सो गया Rover, जानिए कितने बाद है जागने की उम्मीद, नहीं जागा तो क्या होगा?
अब चांद की सतह पर घूम रहा रोवर स्लीप मोड (Rover Sleep Mode) में जा चुका है. दरअसल, अब चांद पर रात हो चुकी है, इसलिए रोवर ने काम बंद कर दिया है और स्लीप मोड में चला गया है.
इधर ISRO ने आदित्य एल1 (Aditya L1) सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है और उधर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के रोवर (Rover) ने अपना पहला मिशन पूरा कर लिया है. अब चांद की सतह पर घूम रहा रोवर स्लीप मोड (Rover Sleep Mode) में जा चुका है. दरअसल, अब चांद पर रात हो चुकी है, इसलिए रोवर ने काम बंद कर दिया है और स्लीप मोड में चला गया है. जैसे ही फिर से चांद के दक्षिणी धुव्र पर सूरज उगेगा, उम्मीद है कि रोवर स्लीप मोड से बाहर आकर फिर से अपना काम शुरू कर देगा.
रोवर के स्लीप मोड में जाने की जानकारी खुद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार रात को दी है. इसरो ने रात करीब 10 बजे एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा- 'चंद्रयान-3 मिशन: रोवर ने अपने सारे काम पूरे कर लिए हैं. अब यह सुरक्षित रूप से पार्क कर दिया गया है और उसे स्लीप मोड में डाल दिया गया है. APXS और LIBS पेलोड्स को बंद कर दिया गया है. इन पेलोड्स के जरिए डेटा को लैंडर की मदद से धरती पर भेजा जाता है. अभी बैटरी पूरी तरह से चार्ज है. सोलर पैनल को अब अगली बार सूरज की रोशनी 22 सितंबर 2023 को मिलने की उम्मीद है. रिसीवर को चालू रखा गया है. उम्मीद है कि आगे के कामों के लिए यह सफलतापूर्वक जागेगा. वरना यह हमेशा के लिए वहीं पर भारत के लूनर अंबेसडर की तरह रहेगा.'
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">Chandrayaan-3 Mission:<br>The Rover completed its assignments.<br><br>It is now safely parked and set into Sleep mode.<br>APXS and LIBS payloads are turned off. <br>Data from these payloads is transmitted to the Earth via the Lander.<br><br>Currently, the battery is fully charged.<br>The solar panel is…</p>— ISRO (@isro) <a href="https://twitter.com/isro/status/1698010732128764164?ref_src=twsrc%5Etfw">September 2, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन के इस रोवर प्रज्ञान ने अब तक चांद पर सल्फर के मौजूद होने की पुष्टि कर दी है. इसरो के अनुसार 'अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप’ (APXS) नाम के उपकरण ने चांद पर सल्फर होने के साथ-साथ कुछ अन्य छोटे तत्वों के होने का भी पता लगाया है. APXS के अनुसार चांद पर एल्युमीनियम, सिलिकॉन, कैल्शियम और लोहे जैसे तत्वों को पाए जाने की पुष्टि हुई है.