Chandrayaan 3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को बताया कि चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने सफलतापूर्वक आवश्यक परीक्षणों को पूरा कर लिया है.  इस परीक्षण के दौरान चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने कठोर कंपन और ध्वनिक वातावरण का सामना किया. इस परीक्षण के लिए बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में स्थित टेस्टिंग सुविधाओं में किए गए थे. परीक्षण को लेकर इसरो ने कहा कि किसी भी अंतरिक्ष यान के लिए योग्यता और स्वीकृति प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा हैं.

जून 2023 में लॉन्च हो सकता है चंद्रयान-3 इसरो ने कहा कि उसने चंद्रमा पर सुगमता से यान उतारने की तकनीक में नया मुकाम हासिल किया है. ये परीक्षण विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण थे, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान तीन मॉड्यूलों का एक संयोजन हैं, जिसमें प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर मॉड्यूल शामिल है. इसरो के अध्यक्ष ने दी थी जानकारी इससे पहले बीते साल अक्टूबर में इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने रविवार को कहा था कि जून 2023 में चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किए जाने की संभावना है. सोमनाथ ने कहा था कि मिशन चंद्रयान-3 जून 2023 में लॉन्च होने के लिए लगभग तैयार है. उन्होंने बताया था कि लॉन्च पैड के लिए डिजाइन तैयार है. सुरक्षा के लिए एक बार अगर जमीन हमारे नियंत्रण में आ जाती है, तो हम इस पर निर्माण शुरू कर देंगे. चंद्रयान-3 मिशन को लेकर उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी जून-जुलाई 2023 तक लॉन्च विंडो देख रही है. चंद्रयान -2, चंद्रमा के लिए भारत का दूसरा मिशन है. जिसे 22 जुलाई, 2019 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था.