मिशन मून के लिए चंद्रयान-2 का काउंटडाउन जारी, तड़के 2.51 बजे पर होगी लॉन्चिंग
Chandrayaan-2: अपनी उड़ान के लगभग 16 मिनट बाद 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क 3 रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी पार्किंग में 170 गुणा 40400 किलोमीटर की कक्षा में रखेगा.
चंद्रयान-2 को ले जाने वाले भारत के भारी रॉकेट की 15 जुलाई को तड़के लॉन्चिंग की उल्टी गिनती रविवार सुबह 6.51 बजे शुरू हो गई. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के. सिवन ने कहा, "रविवार तड़के 6.51 बजे उल्टी गिनती शुरू हो गई."
लगभग 44 मीटर लंबा 640 टन का जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय) एक सफल फिल्म के हीरो की तरह सीधा खड़ा है. रॉकेट में 3.8 टन का चंद्रयान अंतरिक्ष यान है. रॉकेट को 'बाहुबली' उपनाम दिया गया है.
अपनी उड़ान के लगभग 16 मिनट बाद 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क 3 रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी पार्किंग में 170 गुणा 40400 किलोमीटर की कक्षा में रखेगा. धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3.844 लाख किलोमीटर है. चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे. लैंडर-विक्रम 6 सितंबर को चांद पर पहुंचेगा और उसके बाद प्रज्ञान यथावत प्रयोग शुरू करेगा.
(फोटो साभार- इसरो)
7,134 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया
भारत के बड़े मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को देखने के लिए लोगों में खासा उत्साह है और इसे लाइव देखने के लिए अब तक 7,134 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. दरअसल 15 जुलाई को इसरो के शक्तिशाली रॉकेट 'बाहुबली' पर सवार होकर चंद्रयान-2 अपने मिशन पर निकलेगा, जिसे देखने के लिए लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.
इसरो ने हाल ही में आम लोगों के लिए रॉकेट लॉन्चिंग प्रक्रिया को लाइव देखने की शुरुआत की है. लोग विशेष तौर पर बनाई गई एक गैलरी में बैठकर इसरो के लॉन्च देख सकते हैं. इसमें कुल 10 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है, इसलिए इसरो की योजना है कि धीरे-धीरे दर्शकों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
इतने बजे उड़ेगा रॉकेट
रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) मार्क-3 15 जुलाई को सुबह 2.51 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा. इसरो ने आंध्र प्रदेश सरकार के परिवहन निगम से लोगों को परिवहन के लिए सुल्लुरुपेटा और रॉकेट बंदरगाह के बीच शटल सेवा चलाने के लिए कहा है. अधिकारियों के मुताबिक, वहां पर कुछ स्नैक्स और अन्य चीजें खरीदने के लिए दुकानें होंगी और लॉन्च की प्रक्रिया देखने के लिए एक बड़ी स्क्रीन भी होगी.
(इनपुट एजेंसी से)