Aadhaar को आम लोगों का अधिकार कहा जाता है, लेकिन सरकार अब आम लोगों को इस बात का अधिकार देने जा रही है, जिसके तहत वो चाहें तो अपना आधार वापस कर सकते हैं. ऐसा करने पर उनसे संबंधित सारा बॉयोमेट्रिक्स डेटा डिलीट कर दिया जाएगा, हालांकि आधार वापस करने पर सरकार द्वारा दी जाने वाली किसी भी तरह की सब्सिडी का फायदा नहीं मिल सकेगा.

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते दिनों आधार पर दिए गए फैसले में कहा गया था कि जिन बच्चों के नाम से आधार कार्ड जारी किया जाता है, उन्हें व्यस्क होने के बाद यानी 18 साल की उम्र के बात इस बात की समीक्षा करने का अधिकार मिलना चाहिए कि क्या वो आधार रखना चाहते हैं या नहीं. लेकिन अब समाचार पत्र हिंदू की खबर के मुताबिक सरकार सभी को आधार वापस करने का अधिकार देने पर गंभीरता से विचार कर रही है. कैबिनेट इस बारे में जल्द फैसला करेगी.

नहीं मिलेगी सब्सिडी

सरकार ने अपनी सेवाओं पर दी जाए वाली सब्सिडी को सही लोगों तक पहुंचाने के लिए आधार का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में अगर कोई आधार वापस करता है, तो उसे सब्सिडी नहीं मिलेगी. इसके अलावा कुछ अन्य सरकारी सेवाओं का इस्तेमाल थोड़ा कठिन हो जाएगा.

 

आधार के डेटा की सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. ऐसे में लोगों को यह विकल्प देने का फैसला किया गया है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक इसके लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने एक ड्राफ्ट प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इस प्रस्ताव को कानून मंत्रालय के पास भेजा गया है और उम्मीद है कि अगले 1-2 महीने में इसके लिए कैबिनेट नोट आ जाएगा.

हालांकि जिन लोगों के पास पैन नंबर है, वो आधार वापस नहीं कर सकेंगे क्योंकि अदालत ने अपने आदेश में आधार को पैन से जोड़ने की अनिवार्यता को बरकरार रखा है. ऐसे में जिन लोगों के पास पैन नंबर है, उन्हें आधार भी रखना होगा. देश में इस समय करीब 37 करोड़ लोगों को पैन जारी किया गया है, जबकि करीब सवा सौ करोड़ लोग अपना आधार बनवा चुके हैं.