मोदी सरकार ने 312 नकारा अफसरों को किया बाहर, ये राज्य भी कार्रवाई की तैयारी में
मोदी सरकार ने कठोर कार्रवाई करते हुए ग्रुप A और ग्रुप B के कुल 312 अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया है. सरकार ने ग्रुप ए के 36000 कर्मचारियों और ग्रुप बी के 82000 कर्मचारियों के काम का रिव्यू किया.
मोदी सरकार ने कठोर कार्रवाई करते हुए ग्रुप A और ग्रुप B के कुल 312 अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया है. सरकार ने ग्रुप ए के 36000 कर्मचारियों और ग्रुप बी के 82000 कर्मचारियों के काम का रिव्यू किया. इनमें से 312 अफसर नकारा मिले. इनमें ग्रुप A के 125 अफसर और ग्रुप B के 187 अफसर हैं.
केंद्र सरकार की इस कार्रवाई के साथ ही उत्तराखंड और एमपी की राज्य सरकारों ने भी अपने शासन के नकारा अफसरों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. यूपी में 600 अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई. इसमें बताया गया है कि सरकार ने मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें रिटायर कर दिया है. यह कार्रवाई फंडामेंटल रूल्स (FR) 56 (j)(i), सेंट्रल सिविल सर्विसेज (CCS) पेंशन रूल्स 1972 और आल इंडिया सर्विसेज के संशोधित रूल 16(3) को ध्यान में रखकर की गई है. इसके तहत सरकार को अधिकार है कि वह किसी भी अफसर के काम का कुछ अंतराल पर रिव्यू कर सकती है और उन्हें प्रीमैच्योर रिटारमेंट दे सकती है.
योगी सरकार ने 600 अधिकारियों पर कार्रवाई की
उधर, UP में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए 600 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इनमें 200 अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें पिछले 2 साल में जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया.
UP सरकार के मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि हमारी सरकार की भ्रष्ट और ढीले-ढाले अफसरों के खिलाफ 'जीरो टालरेंस' की नीति है. पिछले 2 साल में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्हें समय पूर्व अनिवार्य रिटायरमेंट दिया गया है और कई अधिकारियों को चेतावनी दी गई है और उनके प्रमोशन रोक दिए गए हैं.
उत्तराखंड में भी देने की तैयारी
अब उत्तराखंड सरकार भी भ्रष्ट और नाकारा अफसरों को समय पूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान करने जैसा सख्त कदम उठाने की रणनीति तैयार कर रही है. इसके लिए विभागों से सूची बनाने को कहा गया है. प्राशासनिक सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण में इस सूची में 50 वर्ष की आयु पार कर चुके अधिकारियों को शामिल करने को कहा गया है. अगले चरण में विभिन्न विभागों के भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
MP में निकम्मे कर्मचारियों पर संकट के बादल
मध्य प्रदेश सरकार भी अक्षम (निकम्मे) कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने जा रही है. इसके लिए विभागीय स्तर पर समीक्षा के बाद अक्षम कर्मचारियों को आवश्यक सेवानिवृत्ति (Retirement) दे दी जाएगी.
इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को जारी एक निर्देश में कहा है कि सरकारी कामकाज को बेहतर बनाने के लिए जो कर्मचारी-अधिकारी अक्षम और अक्षमता से कार्य कर रहे हैं, उन्हें सेवा से हटाया जाए. जिन कर्मचारियों-अधिकारियों की आयु 50 वर्ष हो गई है और सेवा काल के 20 वर्ष हो गए हैं, उनके कार्यो की समीक्षा की जाए.