भ्रामक विज्ञापन वाले कोचिंग संस्थानों की खैर नहीं! लगेगा 50 लाख तक का जुर्माना, CCPA ने जारी कीं गाइडलाइंस
कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापन देने वालों की अब खैर नहीं होगी. भ्रमित करने वाले इन विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने बेहद सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं.
कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापन देने वालों की अब खैर नहीं होगी. भ्रमित करने वाले इन विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने बेहद सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं. CCPA ने इस तरह के मामलों में अब 50 लाख तक का जुर्माना लगाया है और जरूरत पड़ने पर लाइसेंस भी रद्द करने का प्रावधान किया है.
बता दें कि CCPA को यह पता चला था कि कुछ कोचिंग संस्थान जानबूझकर सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम की अवधि और उम्मीदवारों द्वारा भुगतान की गई फीस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं. इस तरह के मामलों को रोकने के मकसद से ये गाइडलाइंस जारी की गई हैं.
CCPA की गाइडलाइंस
- गाइडलाइंस में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर, उनके एंडोर्समेंट, विज्ञापन और क्लेम्स की पूरी परिभाषा स्पष्ट होनी चाहिए.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
- कोर्स से जुड़े फर्जी क्लेम, कोर्स की समय अवधि, फ्री इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम, कोर्स छोड़ने के नियम और शर्तें, सक्सेस से जुड़े गलत क्लेम, अलग अलग परीक्षाओं से जुड़े अस्पष्ट और भ्रामक क्लेम, सीट भरने वाली है जैसी False अर्जेंसी का विज्ञापन आदि ऐसे तमाम दावे अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस हैं.
- सक्सेसफुल बच्चों के फोटो और डाटा को इस्तेमाल कर रहे हैं तो लिखित कंसेंट ज़रूरी होगा.
- डिस्क्लेमर को स्पष्ट रूप से दिखना जरूरी, पहली स्लाइड पर ये जानकारी देना अनिवार्य होगा.
- कोचिंग सेंटर, उसकी डीटेल्स, मौजूद सुविधाएं, सेफ्टी से जुड़े उपाय, वहां का माहौल और सुरक्षा, एक समय में कितने छात्र बैठने की सुविधा है आदि जानकारी देनी होगी.
- किसी आपात स्थिति में एग्ज़िट की क्या सुविधा है, क्या लोकल ऑथोरिटी से सभी जरूरी अनुमति मिली है? ये सब कुछ बताना ज़रूरी होगा.
- कंज्यूमर शिकायत को डील करने और सॉल्यूशन देने के लिए सिस्टम होना जरूरी होगा.
क्या एक्शन हो सकता है?
- 1 लाख तक जुर्माना
- लगातार वॉयलेशन पर 50 लाख तक जुर्माना
- लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है
दिल्ली वाली घटना पर बनाए ये नियम
दिल्ली में सुरक्षा अभाव से डूब कर या करेंट से छात्रों के मरने के बाद इसको लेकर भी नियम बनाए गए हैं. इसके तहत छात्रों को हर डीटेल देना अनिवार्य होगा. क्लेम किए हर शब्द का साक्ष्य होना जरूरी होगा. कंसेंट के बिना फ़ोटो का इस्तेमाल नहीं कर सकते. विज्ञापन को लेकर स्पष्ट गाइडलाइंस नहीं मानी तो कोचिंग बंद हो सकती है.
04:04 PM IST