केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने स्कूल में एडमिशन के नियमों में बदलाव किया है. अभी तक बहुत से बच्चे बोर्ड से पहले 9वीं और 11वीं में स्कूल बदलने के लिए अन्य स्कूलों में आराम से एडमिशन ले लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सीबीएससी से मान्यता प्राप्त किसी भी स्कूल में 9वीं और 11वीं में एडमिशन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन नए नियमों को बोर्ड ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) नाम दिया है.

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सीबीएससी ने इस बारे में सभी स्कूलों को नया सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कूलर में बताया गया है कि 9वीं और 11वीं में पढ़ते हुए अलग-अलग कारणों को आधार बनाकर छात्र स्कूल बदलते हैं. ऐसा भी देखा गया है कि पढ़ाई के दौरान भी कुछ छात्र स्कूल बदलने की कोशिश करते हैं. इससे पढ़ाई पर अच्छा असर नहीं पड़ता है.

सीबीएसई ने एसओपी बनाया है. इस एसओपी में अलग-अलग कारणों से स्कूल बदलने के अलग-अलग वर्ग बनाए हैं. गई हैं. सीबीएसई ने स्कूल बदलने के 11 वर्ग बनाए हैं. हर वर्ग में स्कूल बदलने के लिए कुछ जरूरी नियम बनाए गए हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही कोई स्टूडेंट अपना स्कूल बदल पाएगा. और अगर कोई स्टूडेंट इनमें से किसी नियम को पूरा नहीं करता है तो वह अपना स्कूल नहीं बदल पाएगा.

क्या हैं नए नियम

अगर आप इस एकेडमिक सीजन में अपना स्कूल बदलना चाहते हैं तो स्टूडेंट को 15 अगस्त, 2019 तक एडमिशन लेना होगा. इस तारीख तक एडमिशन लेने पर बोर्ड कोई एक्शन नहीं लेगा और न ही कोई प्रोसेसिंग फीस जमा करनी होगी. 16 अगस्त से 30 सितंबर के बीच दाखिला लेने पर सभी केस स्कूल द्वारा पहले बोर्ड को भेजे जाएंगे. और स्टूडेंट को एक हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस भी देनी होगी.

 

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इस एसओपी ने सीबीएसई ने यह भी कहा है कि स्कूल को 9वीं और 11वीं में किसी छात्र को दाखिला देने के लिए तय सभी जरूरी दस्तावेज एक निश्चित फॉर्मेट में एक बार में ही सीबीएसई को भेजने होंगे. अगर कोई स्टूडेंट 2019-20 में 9वीं या 11वीं कक्षा में स्कूल बदलना चाहता है, तो उसे बोर्ड द्वारा बताई गई तारीख तक दाखिले की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.