Budget Session 2023: 17वीं लोकसभा और राज्यसभा का सत्र आज (गुरुवार) 6 अप्रैल 2023 को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. 31 जनवरी से शुरू हुआ संसद का बजट सत्र दो भागों में हुआ. बजट सत्र का दूसरा हिस्सा भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. विपक्ष ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग को लेकर अपना हंगामा जारी रखा. गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही शुरू होने पर काले कपड़े पहने कांग्रेस नेताओं सहित कुछ विपक्षी दलों के सांसद वेल के पास आ गए और जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर नाराजगी भी व्यक्त की.

कितना हुआ कामकाज ?

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ज्ञात हो, इस दौरान जहां लोकसभा में करीब 25 बैठकें और लगभग 46 घंटे कामकाज हुआ तो वहीं राज्यसभा में केवल 31 घंटे काम हुआ. दोनों सदनों में व्यवधान का असर प्रश्नकाल पर भी पड़ा और पूरे बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 4.32 घंटे ही प्रश्नकाल चला जबकि राज्यसभा में यह समय सिर्फ 1.85 घंटा रहा.

लोकसभा में सत्र के दौरान 8 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए जबकि छह विधेयक पारित किए गए. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में 13 घंटे 44 मिनट चर्चा चली जिसमें 143 सदस्यों ने भाग लिया. वहीं बजट पर 14 घंटे और 45 मिनट चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान सदन में कुल 8 विधेयक पेश किए गए और छह विधेयक पारित हुए. बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए.

लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को दी नसीहत

इसी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष को नसीहत दी कि उसका व्यवहार सदन की मर्यादा और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि सदन में चर्चा के लिए वे पर्याप्त समय देते रहे हैं. इसके बावजूद सदस्य चर्चा से भाग रहे है और सदन की कार्यवाही चलने नहीं दे रहे.

विपक्ष के हंगामे को लेकर क्या बोले राज्यसभा के सभापति ?

दूसरी ओर राज्यसभा में भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा. जिसके चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही को पहले 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. बाद में विपक्ष के गतिरोध के चलते बाधित रहे बजट सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई. सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए आज कहा कि संसद के कामकाज को ठप कर राजनीति को हथियार बनाना गंभीर परिणाम देने वाला है. उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी हमें नारों से पैदा होने वाले शोर से नहीं बल्कि राष्ट्र के विकास पथ को मजबूत करने की दिशा में हमारे योगदान से आंकेगी.

राज्यसभा के सभापति ने सदन के अनिश्चितकालीन स्थगन की घोषणा के दौरान चिंता जताते हुए कहा कि यह विडंबना है कि संसद में अव्यवस्था नई व्यवस्था बन रही है. यह नया मानदंड लोकतंत्र के सार को नष्ट कर देता है. संसद में वाद-विवाद, संवाद और विचार-विमर्श के स्थान पर व्यवधान और अशांति लेती जा रही है.

उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पहले भाग की उत्पादकता 56.3 प्रतिशत थी जबकि दूसरे भाग में यह घटकर 6.4 प्रतिशत रह गई. संचयी रूप से सदन की उत्पादकता केवल 24.4 प्रतिशत थी. व्यवधानों के चलते सभा ने 103 घंटे 30 मिनट का बहुमूल्य समय गंवा दिया. सदन के निराशाजनक प्रदर्शन पर विचार कर रास्ता निकालने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि राज्यसभा का 259 वां सत्र आज समाप्त हो रहा है. संसद लोकतंत्र की प्रहरी है और जनता जनप्रतिनिधियों की प्रहरी है. जनता की सेवा करना हमारा प्राथमिक कर्तव्य है. संसद के पवित्र परिसर लोगों के समग्र कल्याण के लिए चर्चा और विचार-विमर्श, बहस और निर्णय के लिए हैं.

लोगों को संसद में व्यवधान नापसंद

सभापति ने कहा कि लोगों को संसद में व्यवधान नापसंद है. जनता के मन में हम तिरस्कार और उपहास के पात्र बन रहे हैं. हमें लोगों की अपेक्षाओं पर अपने ट्रैक रिकॉर्ड को प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता है.

(रिपोर्ट- पीबीएनएस)

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